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प्रयागराज की थोक मंडी में फल और सब्जियां खराब हो रही है, आप भी जानना चाहेंगे इसका कारण तो पढ़ें खबर

प्रयागराज की थोक मुंडेरा मंडी में गुरुवार को भी ट्रकों सब्जियां मंडी में आई। हालांकि चार घंटे तक ही मंडी के संचालन की अनुमति होने के कारण एक तिहाई माल भी नहीं बिक सका। करीब 15-20 ट्रक तरबूज ही मंडी में पड़ा रहा। यही हाल अन्य सब्जियों का भी था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 01:42 PM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 01:42 PM (IST)
प्रयागराज की थोक मंडी में फल और सब्जियां खराब हो रही है, आप भी जानना चाहेंगे इसका कारण तो पढ़ें खबर
प्रयागराज की थोक मुंडेरा मंडी का समय कम करने से सब्‍जी व फल की सप्‍लाई कम हो गई है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज जिला प्रशासन ने दो-तीन दिनों से मुंडेरा मंडी का समय घटा दिया है। अब मंडी भोर चार से सुबह आठ बजे तक खुल रही है। इससे मंडी में आने वाली न पूरी सब्जियां बिक रही हैं और न ही फल। बड़ी मात्रा में सब्जियां और फल डंप रह जा रहे हैं। इससे सब्जियां और फल सड़ रहे हैं एवं बर्बाद हो रहे हैं। सब्जियों एवं फलों के बर्बाद होने से किसानों एवं व्यापारियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। 

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मंडी के समय को घटाए जाने से सब्जियां नहीं बिक रही हैं

मुंडेरा मंडी प्रयागराज की थोक फल और सब्‍जी की मंडी है। मुंडेरा मंडी में गंगापार, यमुनापार, कछारी क्षेत्रों के अलावा कौशांबी, धाता, फतेहपुर, कानपुर आदि स्थानों से भी सब्जियां आती हैं। गुरुवार को भी ट्रकों सब्जियां मंडी में आई। हालांकि चार घंटे तक ही मंडी के संचालन की अनुमति होने के कारण एक तिहाई माल भी नहीं बिक सका। करीब 15-20 ट्रक तरबूज ही मंडी में पड़ा रहा। यही हाल अन्य सब्जियों का भी था। 

थाेक में सब्जियों के यह दाम रहे

थोक मुंडेरा मंडी में टमाटर का रेट पांच-छह रुपये किलो, प्याज का दाम 12-14 और आलू का मूल्य 10 से 13 रुपये किलो रहा। इसमें गोला आलू 10 से 11 और जी-फोर 12 से 13 रुपये किलो रहा। परवल 35-40, भिंडी और करैला 20 से 22 किलो रहा। लौकी 10 से 12 रुपये पीस, कद्दू तीन-चार रुपये किलो रहा। 

मंडी को दो शिफ्टों में चलाने की मांग की गई थी

मुंडेरा सब्जी एवं फल व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश कुशवाहा का कहना है कि पहले मंडी पूरी रात और दिन में 12 बजे तक चलती थी। जिससे माल खरीदने और बेचने के लिए भरपूर समय मिलता था। वहीं अब मंडी चार घंटे के ही संचालन की अनुमति गई है। इससे माल पड़ा रह जा रहा है। मंडी को दो शिफ्टों में चलाने की मांग की गई थी लेकिन एक शिफ्ट में कर देने से किसानों और व्यापारियों का बहुत नुकसान हो रहा है।


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