Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कवि मनोज भावुक को मिला कैलाश गौतम काव्यकुंभ लोकभाषा सम्मान 2022

    By Jagran NewsEdited By: Mohammed Ammar
    Updated: Tue, 27 Dec 2022 09:04 PM (IST)

    मनोज भावुक उन चंद लोगों में से हैं जिन्होंने भोजपुरी भाषा साहित्य और संस्कृति की मशाल को मजबूती से थामा है। यूके और अफ्रीका में इंजीनियरिंग की नौकरी को छोड़कर आप पूरी तरह से भोजपुरी हेतु प्रतिबद्ध एवं समर्पित हो चुके हैं।

    Hero Image
    मनोज भावुक के नाम हुआ कैलाश गौतम काव्यकुंभ लोकभाषा सम्मान 2022

    27 नवंबर, प्रयागराज। साहित्यिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संस्था "कैलाश गौतम सृजन संस्थान" का राष्ट्रीय 'कैलाश गौतम काव्यकुंभ लोकभाषा सम्मान-2022' अंतरराष्ट्रीय कवि/शायर मनोज भावुक को दिया गया। पहली बार यह सम्मान किसी भोजपुरी साहित्यकार को दिया गया। यह सम्मान उन्हें उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज में आयोजित भव्य समारोह में न्यायमूर्ति विपिन दीक्षित, न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह व सम्मानित अतिथियों द्वारा दिया गया। सम्मान स्वरूप शाल,श्रीफल,अभिनंदन-सम्मान पत्र,स्मृति चिह्न, के साथ-साथ नक़द राशि भी प्रदान की गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मनोज भावुक उन चंद लोगों में से हैं, जिन्होंने भोजपुरी भाषा, साहित्य और संस्कृति की मशाल को मजबूती से थामा है। यूके और अफ्रीका में इंजीनियरिंग की नौकरी को छोड़कर आप पूरी तरह से भोजपुरी हेतु प्रतिबद्ध एवं समर्पित हो चुके हैं। भोजपुरी जब तरह तरह से प्रश्नांकित हो रही है, ऐसे समय में मनोज भावुक भोजपुरी समाज की चिंता, चुनौतियों को, सौंदर्य को अपने गीतों, गजलों और लेखों से रुपायित कर रहें हैं। आपको भारतीय भाषा परिषद सम्मान (2006) और पंडित प्रताप नारायण मिश्र (2010) युवा सम्मान भी मिल चुका है। अभिनय, संचालन एवं पटकथा लेखन आदि विधाओं में आपकी गहरी रुचि है। हम भोजपुरिआ और भोजपुरी जंक्शन नामक पत्रिका (ई-पत्रिका) का आप संपादन भी करते हैं। आप एक सुप्रसिद्ध कवि, कार्यक्रम प्रस्तोता व लोक मर्मज्ञ हैं।

    विश्व के लीजेंड्स को समर्पित अचीवर्स जंक्शन के निदेशक हैं। कई पुस्तकों के प्रणेता हैं। भोजपुरी भाषा और साहित्य के प्रचार-प्रसार हेतु विश्व के कई देशों की यात्रा की है। आप जी टीवी के लोकप्रिय रियलिटी शो सारेगामापा (भोजपुरी) के प्रोजेक्ट हैड रहे हैं। आपने कई टीवी शोज, फिल्मों और धारावाहिकों में अभिनय किया है।आपको अनेक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा जा चुका है।

    विदित है कि जनकवि कैलाश गौतम ने भोजपुरी में भी कालजयी रचनाएं की हैं और अमवसा के मेला समेत उनकी अनेक रचनाएं लोगों की जुबान पर हैं। कैलाश जी प्रयागराज में हिंदी, अवधी और भोजपुरी की त्रिवेणी बहाते रहे हैं। मनोज भावुक उसी परंपरा को आगे बढ़ाते पूरे विश्व में भोजपुरी का परचम लहरा रहे हैं।

    विख्यात रचनाकारों को मिला पूर्व में यह सम्मान

    कैलाश गौतम काव्यकुंभ सम्मान पूर्व के वर्षों में पद्मभूषण गोपालदास नीरज,पद्मश्री अशोक चक्रधर, डॉ. उदय प्रताप सिंह,डॉ. कुंवर बेचैन, डॉ. राहत इंदौरी, डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र, प्रो वसीम बरेलवी, डॉ. विष्णु सक्सेना,श्री प्रदीप चौबे,श्री गजेन्द्र सोलंकी, शबीना अदीब,श्री सर्वेश अस्थाना,श्री यश मालवीय, पद्मश्री डॉ सुनील जोगी,डॉ सरिता शर्मा, सरदार मंजीत सिंह,डॉ सुरेश अवस्थी, डॉ कलीम कैसर, डॉ सूर्य कुमार पांडे,श्री आलोक श्रीवास्तव, डॉ सुमन दूबे आदि को दिया जा चुका है।

    साहित्य में जनकवि कैलाश गौतम जी की अक्षय एवं कालजयी रचनाओं की परंपरा को सहजते हुए यह सम्मान इस वर्ष लोकभाषा के लिए मनोज भावुक को दिया गया। मनोज भावुक ने इस अवसर पर आयोजित भव्य कवि सम्मेलन में भी अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज की।

    मनोज भावुक के अलावा इस वर्ष राष्ट्रीय कैलाश गौतम काव्यकुंभ सम्मान प्रतिष्ठित शायर अजहर इकबाल व युवा रचनाकारों में चिराग जैन, भावना तिवारी, सुधांशु नवल और शिखा शुक्ला को प्रदान किया गया।