UPPSC PCS 2022 Final Result: शिखर पर काबिज हुई बेटियां; यहां पढ़ें टॉपर्स की कहानी
UPPSC PCS Result 2022 सफलता के उत्सव में बेटियों की हिस्सेदारी नई तस्वीर बयां कर रही है। प्रयागराज से लेकर आगरा तक लखनऊ से लेकर गोंडा तक हर तरफ बेटियों के ही चर्चे हैं। सामान्य परिवारों से आने वाली बेटियां शिखर पर काबिज हैं।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता: UPPSC PCS Result 2022 सफलता के उत्सव में बेटियों की हिस्सेदारी नई तस्वीर बयां कर रही है। प्रयागराज से लेकर आगरा तक, लखनऊ से लेकर गोंडा तक हर तरफ बेटियों के ही चर्चे हैं। सामान्य परिवारों से आने वाली बेटियां शिखर पर काबिज हैं।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सम्मिलित राज्य / प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा-2022 (पीसीएस) का अंतिम परिणाम में शीर्ष दस में आठ बेटियों और दो बेटों ने परचम लहराया है। किसी ने संयुक्त परिवार की परवरिश को अपनी ताकत बनाई तो किसी ने पिता के सपने को पूरा किया। चार साल से लेकर 10 साल के संघर्ष के महायज्ञ में सफलता की पूर्णाहुति मिल गई। पीसीएस-2022 में 40 अभ्यर्थी लखनऊ के सफल हुए हैं। प्रयागराज के 29 और कानपुर के 15 अभ्यर्थियों ने सफलता प्राप्त की है।
तीसरे प्रयास में प्रदेश में नंबर वन बनीं दिव्या सिकरवार
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस-2022 की परीक्षा आगरा की दिव्या सिकरवार ने टाप किया है। दो बार असफलता के बाद दिव्या ने पिछली गलतियों से सबक सीखा और कड़ी मेहनत करते हुए सफलता हासिल की। दिव्या ने 2018 में सांख्यिकी विषय से परास्नातक की पढ़ाई की और दो वर्ष तैयारी में लगाए। पहली परीक्षा 2020 में दी और पहले ही प्रयास में मेंस तक पहुंचने में कामयाब रहीं। दूसरे प्रयास में साक्षात्कार दिया पर दो नंबर से चयन नहीं हुआ और तीसरे प्रयास में पहला स्थान हासिल कर लिया।
आगरा के एतमादपुर तहसील के गांव गढ़ीरामी निवासी दिव्या सिकरवार के पिता राजपाल सिंह बीएसएफ से रिटायर्ड हैं। मां सरोज देवी गृहिणी हैं। दिव्या ने बताया कि पीसीएस की तैयारी के लिए समाजशास्त्र विषय का चयन किया। जिससे काफी मदद मिली। दिव्या में कहा कि असफलता को चुनौती के रूप में लिया और निरंतर सुधार करते हुए सफल हुईं।
स्वाध्याय से मिली सफलता
प्राजाक्ता त्रिपाठी ने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल की है। खास यह कि मेरिट लिस्ट में आठवां स्थान मिला है। कहती हैं कि उन्होंने कभी प्रतियोगी परीक्षा के लिए कोचिंग नहीं की। वर्तमान में वह इंटेलीजेंस ब्यूरो दिल्ली में तैनात हैं।यह सफलता उन्हें 2016 में ही यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर प्राप्त की थी। मूलरूप से प्रतापगढ़ के पट्टी तहसील के सैलखा गांव की प्राजाक्ता अब प्रयागराज के शांतिपुरम में रहती हैं। प्राथमिक शिक्षा गोल्डेन जुबली स्कूल से हुई। 2013 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने भौतिक विज्ञान से एमएससी की। समाजशास्त्र विषय लेकर पीसीएस की तैयारी की और सफलता प्राप्त की। पिता केंद्रीय विद्यालय अरुणाचल प्रदेश में शिक्षक के रूप में कार्यरत थे, अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। दो बहन व एक भाई के बीच वह सब से छोटी हैं।
पीसीएस बनने के लिए छोड़ दी मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी
उप्र लोक सेवा आयोग की पीसीएस-2022 परीक्षा में दसवें स्थान पर आए गोंडा के संदीप कुमार तिवारी ने प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ दी। गोंडा के मनकापुर तहसील के गांव हरना टायर के रहने वाले संदीप तिवारी ने मेरठ के आइआइएमटी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की पढ़ाई की। 2013 से नौकरी शुरू की पर प्रशासनिक अधिकारी बनने के जूनून में 2017 में नौकरी छोड़ दी। यूपीएससी के मेंस तक पहुंचे पर चयनित नहीं हुए। इसके बाद पीसीएस की परीक्षा में शामिल होते रहे और पांचवें प्रयास में सफल हो गए। संदीप पीसीएस-2021 में असिस्टेंट रजिस्ट्रार कोआपरेटिव पद पर चयनित हुए थे। संदीप के पिता शिव कुमार तिवारी सिंचाई विभाग में ट्यूबवेल आपरेटर हैं और मां जया देवी गृहिणी। संदीप ने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है।
दूसरे प्रयास में एश्वर्या दुबे ने हासिल की सफलता
आगरा के मधुनगर निवासी एश्वर्या दुबे ने दूसरे ही प्रयास में सफलता हासिल करते हुए पीसीएस-2022 की टाप-10 सूची में नौंवा स्थान हासिल किया है। आगरा से प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा हासिल करने वाली एश्वर्या दुबे ने दयालबाग इंस्टीट्यूट से कंप्यूटर साइंस में बीएससी-एमएससी इंटीग्रेटेड कोर्स पूरा किया। 2019 में पढ़ाई पूरी करने के बाद एश्वर्या ने प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए तैयारी शुरू कर दी। पहले प्रयास में प्री-क्वालीफाई नहीं कर पाईं। इसके बाद अपनी तैयारी को व्यवस्थित किया और दूसरे प्रयास में सफलता पाई है। एश्वर्या के पिता हरेंद्र कुमार रिटायर्ड कर्मचारी है और मां रचना दुबे गृहिणी। एश्वर्या ने कहा कि प्रशासनिक सेवा में रहकर वह समाज को सेवाएं देंगी।
नम्रता सिंह ने पहले प्रयास में पाई सफलता
पीएसएस 2022 में पहले प्रयास में बुलंदशहर की नम्रता सिंह ने तीसरा स्थान हासिल की। नम्रता ने 2020 में बीटेक कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी। मेंस में मानव विज्ञान विषय लेकर परीक्षा दी। नम्रता सिंह के पिता सुरेश चंद्र यूपी ग्रामीण में अधिकारी और माता चंदावती बीपीबीए कालेज में प्रोफेसर हैं। नम्रता ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व भाई को दिया है।
आकांक्षा ने पांचवे प्रयास में हासिल की चौथी रैंक
देहरादून की आकांक्षा गुप्ता पांचवें प्रयास में पीसीएस-2022 में चौथी रैंक हासिल की है। वर्ष 2017 में कंप्यूटर साइंस से बीटेक डिग्री हासिल करने के बाद आकांक्षा ने तैयारी शुरू की और मेंस में समाजशास्त्र विषय लेकर परीक्षा दी। आकांक्षा इससे पहले पीसीएस-2021 में साक्षात्कार दे चुकी हैं। उनके पिता नरेंद्र गुप्ता बिजनेसमैन और माता सपना गुप्ता गृहणी हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के साथ चाचा रविंद्र गुप्ता को दिया है।
प्रवीन ने मेहनत से बनाई अपनी सल्तनत
लखनऊ की रहने वाली सल्तनत प्रवीन ने चाैथे प्रयास में पीसीएस परीक्षा में छठवीं रैंक हासिल की है। संयुक्त परिवार में पली बढ़ी सल्तनत के पिता छह भाई हैं। सल्तनत के पिता शमीम खान जनरल स्टोर संचालक हैं। पूरे परिवार ने मिलकर सल्तनत के लिए अधिकारी बनने का सपना देखा जो आठ साल के कठिन परिश्रम से पूर्ण हुआ। सल्तनत ने इंट्रीगल यूनिवर्सिटी लखनऊ से 2016 में कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया और सिविल की तैयारी में जुट गई। संघ लोकसेवा आयोग की आइएएस परीक्षा में भी वह दो बार प्रयास कर चुकी हैं लेकिन, अभी सफलता नहीं मिली है। सल्तनत का लक्ष्य आइएएस बनना है।
आशीष मिश्रा का पीसीएस-2022 में बीडीओ पद पर चयन
आशीष मिश्रा ने निरंतर प्रयास करते हुए अपने तीसरे प्रयास में पीसीएस-2022 में सफलता हासिल की है। उनका चयन बीडीओ पद पर हुआ है। आशीष के पिता प्रयागराज जनपद न्यायालय में अधिवक्ता हैं तथा मूलरूप से कोराव तहसील के किहुनी गांव के निवासी हैं। सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के आशीर्वाद, पत्नी की प्रेरणा तथा अपने ससुर रिटायर्ड पीसीएस अधिकारी श्रीकांत द्विवेदी को दिया है।
श्वेता मिश्रा का एसडीएम पद पर चयन
मम्फोर्डगंज निवासी श्वेता मिश्रा ने पीसीएस-2022 के परीक्षा परिणामों में प्रदेश में 17वां स्थान हासिल किया है। श्वेता मिश्रा के पिता डीएन मिश्र वर्तमान में असिस्टेंट कमिश्नर उद्योग लखनऊ में कार्यरत है। मां कृष्णा मिश्रा गृहिणी है। मूलरूप से बलिया निवासी श्वेता मिश्रा ने सफलता का श्रेय माता-पिता और भाई-बहनों को दिया है।
हालैंड हाल के अंतेवासी अरविंद सोनकर बने डीएसपी
हालैंड हाल छात्रावास के अंतेवासी रहे अरविंद सोनकर ने अपने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल कर ली। मूलरूप से मऊ के भीटी निवासी अरविंद सोनकर ने 86वीं रैंक हासिल कर डिप्टी एसपी पद पर चयनित हुए हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 2019 में स्नातक की पढ़ाई के बाद अरविंद ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय से परास्नातक किया और दिल्ली में तैयारी शुरू कर दी। अरविंद ने कहा कि कोविड काल में उन्होंने तैयारी शुरू की और ज्यादातर हिस्सा सेल्फ स्टडी से कवर किया। उन्होंने सफलता का श्रेय अपने पिता गोरख सोनकर और मां आशा देवी को दिया है।
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