UP Flood News: 1978 की बाढ़ आज भी प्रयागराज के लोगों को दहलाती है, क्या था गंगा-यमुना का जलस्तर
UP Flood News 1978 में प्रयागराज में बाढ़ जबरदस्त आई थी। उस समय टीवी या न्यूज चैनल नहीं होते थे। दूरदर्शन भी यदा-कदा किसी-किसी घरों में होता था। रेडियो का जमाना था। रेडियो पर बाढ़ की खबर सुनने लोग कान लगाए रहते थे। पल-पल की खबर पर नजर रखते थे।

प्रयागराज, जेएनएन। गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ने से प्रयागराज में हर वर्ष ही बाढ़ आती है। कई वर्षों में एक बार दोनों नदियों का पानी खतरे के निशान से भी ऊपर पहुंच जाता है। इससे बाढ़ की विभीषिका भी नजर आती है। हालांकि प्रयागराज (पुराना नाम इलाहाबाद) में अब तक वर्ष 1978 में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर सर्वाधिक बढ़ा था। आइए आपको बताते हैं कि उस समय जलस्तर कहां तक पहुंचा था।
प्रशासन ने बाढ़ की विभीषिका से शहरवासियों को बचा लिया था : प्रयागराज के पुराने ला्ेगों यानी उस बाढ़ के दौरान जिन्होंने यह नजारा देखा था, उन्हें आज भी इसकी चर्चा करके दहशतजदा हो जाते हैं। वे बताते हैं कि 1978 में गंगा और यमुना के पानी ने वास्तव में लोगों को दहला दिया था। जिला प्रशासन के भी पसीने छूट गए थे। उस समय त्रिवेणी बांध की ऊंचाई भी इतनी नहीं थी, जिससे शहर में पानी घुसने की आशंका उत्पन्न हो गई थी। हालांकि जिला प्रशासन ने सूझबूझ का परिचय देते हुए स्थिति को सामान्य कर दिया था।
रेडियो पर बाढ़ की खबरें सुनते थे : जिस समय प्रयागराज में बाढ़ आई थी, उस समय टीवी या न्यूज चैनल नहीं होते थे। दूरदर्शन भी यदा-कदा किसी-किसी घरों में होता था। रेडियो का जमाना था। रेडियो पर बाढ़ की खबर सुनने लोग कान लगाए रहते थे। पल-पल की खबर पर नजर रखते थे।
1978 में गंगा-यमुना का जलस्तर क्या था
खतरे का निशान 84.73 मीटर
फाफामऊ में गंगा 87.98 मीटर
छतनाग में गंगा 88.03 मीटर
नैनी में यमुना 87.98 मीटर पर पहुंची थी।
25 अगस्त 2022 को गंगा-यमुना का जलस्तर (दोपहर दो बजे)
फाफामऊ में गंगा 84.85 ( पिछले दो घंटे में 7 सेमी बढ़ी)
छतनाग में गंगा 84.12 (पिछले दो घंटे में 3 सेमी बढ़ी)
नैनी में यमुना 84.74 (पिछले दो घंटे में 6 सेमी बढ़ी)
तो बाढ़ प्रभावित शहरी इलाकों में घड़ियाल ने दो सुअर को निगला : गंगा-यमुना ऊफान के चलते तटीय इलाकों के लोग पहले से परेशान हैं। अब बाढ़ के पानी के साथ आने वाले खतरनाक जीव भी इनकी समस्याओं दोगुना कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि प्रयागराज शहर के शिवकुटी के सीताराम धाम घाट पर दो घड़ियाल दिखे, जो सुअर को निगल गए। घड़ियाल को देख मछली मारने वाले दहशत में आ गए। लोगों ने बताया कि शिवकुटी से लेकर संगम तक बड़ी संख्या में घड़ियालों का समूह फैल गया है। बघाड़ा में भी कुछ लोगों ने सलोरी और बघाड़ा में घड़ियाल को देखा है।

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