UP Election 2022: प्रयागराज में वोटिंग बूथों पर मम्मी बनी पीठासीन अधिकारी, पापा को मिली बच्चों की जिम्मेदारी
मतदान में महिला कर्मचारियों को भी लगाया गया है। किसी को पीठासीन अधिकारी बनाया गया है तो किसी को सहायक की भूमिका दी गई। जब महिलाओं की भूमिका बदली तो पुरुषों की भूमिका बदलना लाजमी है। मम्मी पीठासीन अधिकारी बनीं तो पापा को बच्चों की जिम्मेदारी मिल गई।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। यूपी विधानसभा चुनाव के लिए पांचवें चरण का मतदान रविवार को होना है। लोकतंत्र के इस महा पर्व को सम्पन्न कराने के लिए महिला कर्मचारियों को भी लगाया गया है। किसी को पीठासीन अधिकारी बनाया गया है तो किसी को सहायक की भूमिका दी गई है। जब महिलाओं की भूमिका बदली तो पुरुषों की भूमिका बदलना लाजमी है। मम्मी पीठासीन अधिकारी बनीं तो पापा को बच्चों की जिम्मेदारी मिल गई।
बच्चों को गोद में लेकर पहुंची मम्मियां, पापा टहलाते और बहलाते दिखे
कुछ ऐसा ही नजारा शनिवार को परेड मैदान में देखने को मिला। मम्मी पीठासीन अधिकारी की जिम्मेदारी लेने के लिए काउंटरों पर हस्ताक्षर कर रही थी, वहीं पापा पंडाल के बाहर बच्चों की जिम्मेदारी उठा रहे थे। कोई व्यक्ति सात माह का बच्चा लेकर टहलता हुआ दिखा,तो कोई पांच माह के बच्चे को बाटल से दूध पिलाने में व्यस्त रहा।झूंसी की रहने वाली दिव्या को प्रतापपुर में चुनाव संपन्न कराने की जिम्मेदारी मिली है। यह नौ माह की बेटी के साथ परेड मैदान आई थी। इनके साथ इनके पति भी आए थे। दिव्या ईवीएम लिए हुए थी इनके पतिदेव बेटी को संभाले हुए थे। शशिकला को इस चुनाव में पीठासीन अधिकारी बनाया गया है। वह अपने पति और सात माह की बेटी के साथ आई थी। शशिकला चुनावी दस्तावेजों को ले रखा था और इनके पति बच्चे को गोद में लेकर टहल रहे थे।
सैदाबाद की नेहा विश्वकर्मा अपनी नौ माह की बेटी के साथ आई थी पति रोहन कुमार भी आए हुए थे। वह बेटी की जिम्मेदारी निभा रहे थे और नेहा चुनाव की। कर्मा वंदना यादव, फूलपुर के शैलजा, सोरांव की कामिनी केसरवानी, सहसों की सुचिता पांडेय अपने बच्चों के साथ परेड मैदान पहुची। बच्चों की देखरेख उनके पति कर रहे थे। मतदान केंद्रों पर भी यह सभी लोग बच्चों को लेकर गए।
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