खूनी और फिल्मी है सपा उम्मीदवार पूजा पाल का राजनीतिक सफर, माफिया अतीक का गुरूर किया चूर
यह किस्सा है प्रयागराज की पूजा पाल के राजनीतिक सफर का जिन्हें समाजवादी पार्टी ने अबकी यूपी चुनाव में कौशांबी की चायल सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया है। बेहद गरीब परिवार की पूजा का विधायक बनने की कहानी खूनी और रोमांचक है। माफिया अतीक से रही उनकी टक्कर
प्रयागराज, जेएनएन। है तो यह सियासी दास्तां लेकिन किसी एक्शन फिल्म सरीखी। यह किस्सा है प्रयागराज की पूजा पाल के राजनीतिक सफर का जिन्हें समाजवादी पार्टी ने अबकी यूपी चुनाव में कौशांबी की चायल सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया है। बेहद गरीब परिवार की पूजा का विधायक बनने की कहानी खूनी और रोमांचक है। उन्होंने कुख्यात माफिया अतीक अहमद का गुरूर चूर कर उसकी राजनीतिक धाक खत्म कर दी।
जानिए कैसे हुई राजू पाल से मुलाकात, शादी और अशरफ को हराने के बाद कत्ल.....
पूजा पाल का नाम उनके पति इलाहाबाद शहर पश्चिमी के बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के बाद चर्चित हुआ था। धूमनगंज थाने के हिस्ट्रीशीटर रहे राजू पाल ने अतीक के फूलपुर से सांसद चुने जाने से खाली शहर पश्चिमी सीट पर 2004 के उप चुनाव में शहर माफिया के भाई सपा उम्मीदवार अशरफ को हराकर सनसनी फैला दी थी। पांच बार यहां से निर्दल और सपा के टिकट पर विधायक रहे अतीक के भाई अशरफ की हार बड़ी थी और राजू की जीत भी। तब लोग अतीक के नाम से ही थरथराते थे। कोई आवाज नहीं उठा सकता था अतीक के खिलाफ, लेकिन राजू ने तो उनको भारी पराजय दे डाली। और इस चुनावी जीत के कुछ ही महीने बाद 25 जनवरी 2005 को राजू पाल के काफिले को सुलेम सराय में जीटी रोड पर रोककर गोलियों की बौछार की गई। राजू पाल समेत तीन लोग मारे गए। अतीक और अशरफ को अन्य शूटरों समेत हत्याकांड का आरोपित बनाया गया। पहले पुलिस, फिर सीबीसीआइडी और कुछ समय पहले सीबीआइ ने जांच कर चार्जशीट दाखिल की लेकिन इस मुकदमे में अब भी फैसला आना बाकी है। मौजूदा समय में अतीक अहमद अहमदाबाद जेल में तो अशरफ बरेली जेल में बंद है। शादी के नौ दिन बाद ही पति के कत्ल के कुछ महीने बाद हुए उपचुनाव में बसपा ने उन्हें अशरफ के सामने चुनाव मैदान में उतारा था जिसमें उन्हें हार मिली लेकिन इसके बाद 2007 में हुए चुनाव में पूजा पाल ने बसपा के टिकट पर बड़ी जीत हासिल की।
पांच बार के विधायक अतीक को भी 2012 में दी शिकस्त
फिर 2012 के चुनाव में अशरफ की बजाय अतीक अहमद ने खुद पूजा पाल के सामने ताल ठोंकी लेकिन उसे भी हार मिली, उसका गुरूर चूर हो गया। पूजा लगातार दो बार विधायक रहीं मगर 2017 में मोदी लहर के सामने उन्हें सिद्धार्थ नाथ सिंह से हार का सामना करना पड़ा। फिर इन्होंने दल बदला और सपा में शामिल हो गईं। अब वह इस बार के चुनाव में चायल सीट से लड़ने जा रही हैं।
पूजा के घऱ पर ठहरते थे तब राजू पाल
राजू पाल के बारे में पुलिस ने बताया कि शुरूआत में उन पर कई तरह की आपराधिक घटनाओं में शामिल होने के मुकदमे दर्ज होते रहे। पुलिस ने कई बार गिरफ्तार भी किया था। विधायक बनने से पहले 2002 से 2004 तक फरारी के दौरान वह कटघर मुट्ठीगंज में रहने वाली पूजा पाल के भी घर में ठहरते थे। पूजा के पिता साइकिल पंक्चर की दुकान खोले थे। इस तरह से पूजा और राजू के बीच नजदीकी हुई और फिर बसपा के टिकट पर विधायक चुने के बाद जनवरी 2005 में राजू पाल ने पूजा से विवाह कर लिया था। शादी के कुछ ही दिन बाद उनका कत्ल हो गया।
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