अविरल-निर्मल गंगा के लिए UP CM योगी आदित्यनाथ ने तलब कर ली प्रदेश से सभी एसटीपी की रिपोर्ट
महाकुंभ के दौरान अविरल-निर्मल गंगा और यमुना पर मुख्यमंत्री ने जोर दिया। उन्होंने कहा कि गंगा को अविरल और निर्मल बनाए रखने के लिए शीर्ष स्तर पर बैठक करते हुए बिजनौर से लेकर प्रयागराज तक सभी जनपदों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की रिपोर्ट 24 घंटे में दी जाए।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। महाकुंभ के दौरान अविरल-निर्मल गंगा और यमुना पर मुख्यमंत्री ने जोर दिया। उन्होंने कहा कि गंगा को अविरल और निर्मल बनाए रखने के लिए शीर्ष स्तर पर बैठक करते हुए बिजनौर से लेकर प्रयागराज तक सभी जनपदों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की रिपोर्ट 24 घंटे में दी जाए। नए तथा पुराने प्लांटों की स्थिति व क्षमता तथा निर्माणाधीन प्लांट की प्रगति के साथ रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैैं।
महाकुंभ में गंगा-यमुना समेत सहायक नदियों के स्वच्छ जल पर सीएम का जोर
मुख्यमंत्री का सबसे ज्यादा जोर दोनों नदियों तथा इनकी सहायक नदियों की निर्मलता को बनाए रखने पर रहा। बोले, सभी एसटीपी सुचारू से चलते रहें, इसका विशेष ध्यान दें। निर्माणाधीन एसटीपी महाकुंभ के पहले तैयार हो जाएं। गंगा के कटान से लेकर दलदल से निपटने को लेकर पहले से ही कार्ययोजना बनाने को कहा। गंगा के पक्के स्नान घाटों का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू कराने के निर्देश दिए। घाटों पर स्वच्छता के साथ उनके विस्तार करने को कहा। घाटों तक आने-जाने के लिए अलग मार्गों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
सभी कार्यदायी संस्थाएं तथा मेला प्रशासन अपनी योजना को सुदृढ़ बनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ को लेकर जिस कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण किया गया, इसमें आवश्यक है कि सभी कार्यदायी संस्थाएं तथा मेला प्रशासन अपनी योजना को सुदृढ़ बनाएं। इसका तकनीकी परीक्षण करें और पूरी पारदर्शिता के साथ यह सुनिश्चित करें कि यह शासन को अगले 15 दिन में प्रेषित की जा सके। शासन के सभी विभाग मेले की परियोजनाओं की समयबद्धता एवं कार्य की महत्ता को देखते हुए तत्काल प्रभाव से स्वीकृतियों के लिए आवश्यक कार्यवाही करें। भुगतान के लिए वित्त विभाग के साथ समन्वय स्थापित करते हुए बिना किसी विलंब एवं अनावश्यक पत्राचार के कार्य सुनिश्चित करें। सफाई कर्मचारियों के रुकने, उनके बच्चों की शिक्षा से लेकर पारिश्रमिक को खाते में भेजने की व्यवस्था की जाए। मेले से पूर्व एवं मेले के पश्चात उनके लिए सम्मान समारोह हो।
महाकुंभ में विश्वस्तरीय सुरक्षा प्रबंधन की योजना
पुलिस विभाग की कार्ययोजना पर चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि आग से बचाव, आपदा प्रबंधन के पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध किए जाएं। पुलिस को आपदा प्रबंधन हेतु फायर इक्विपमेंट, एंटी टेररिस्ट सर्विलांस, बैगेज चेकिंग इक्विपमेंट, ड्राउनिंग से बचाव के लिए रिवर बैरीकेडिंग की व्यवस्था की जाए। पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के लिए विशिष्ट जन, मेला क्षेत्र में स्थापित होने वाले शिविरों के साथ सामंजस्य स्थापित किया जाए। इसके लिए पुलिस ट्रेनिंग पर विशेष बल दिया जाए, ताकि लोगों को उनका व्यवहार अच्छा लगे। सभी पुलिस कर्मियों को रुकने के लिए कुंभ-2019 की तरह ही अच्छे कैंप उपलब्ध कराए जाएं।
महाकुंभ के लिए मुख्यमंत्री के प्रमुख दिशा-निर्देश
-ऐसी परियोजनाएं जिनमे दो वर्ष से अधिक समय लगने की संभावना है, उनके संबंध में तत्काल शासनादेश जारी कराने की कार्यवाही की जाए। निविदा आमंत्रित की जाए और इसी वित्तीय वर्ष में कार्य शुरू कराएं।
-एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों पर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों। पार्किंग क्षेत्र की वृद्धि की जाए। सभी स्थानों पर हेल्थ एटीएम, वाटर एटीएम व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
-यातायात योजनाओं में यह सुनिश्चित किया जाए कि इस महाकुंभ में श्रद्धालुओं को नान पीक डेज में दो किमी तथा पीक डेज में पांच किमी से ज्यादा पैदल न चलना पड़े। किसी भी तरह का यातायात अवरुद्ध न हो, विशेषकर मुख्य स्नान के दिनों में किसी भी रूट पर जाम न हो।
-इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से मानीटरिंग की जाए। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा एनालिटिक्स का प्रयोग ट्रांसपोर्ट प्लानिंग एवं क्राउड मैनेजमेंट में किया जाए।
-यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी घाटों पर महिलाओं सहित सभी श्रद्धालुओं को अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हों। सभी विद्युत पोलों में एलईडी लाइट का प्रयोग किया जाए।
-विद्युत व्यवस्था में विद्युत सुरक्षा का विशेष ध्यान दिया जाए, जिससे बिजली के शार्ट सर्किट से आगजनी आदि की घटनाएं न घटित हों।
-पेयजल के लिए अधिक से अधिक वाटर एटीएम तथा स्टैंड पोस्ट का उपयोग किया जाए। प्रत्येक कैंप में पेयजल कनेक्शन ससमय उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।
-मेले के दौरान वर्षा होने पर जल निकासी की समुचित व्यवस्था रहे। सीवेज निस्तारण की उच्च स्तरीय प्रबंध किया जाए।
-सभी विभाग अपने उत्कृष्ट, दक्ष एवं समर्पित भाव से कार्य करने वाले अधिकारियों की तैनाती करें।
-अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव प्रत्येक माह अपने विभाग के अफसरों के साथ बैठक करें तथा उनका मार्गदर्शन करने के साथ ही परियोजनाओं को ससमय स्वीकृति प्रदान करें।
-विभागीय मंत्रीगण द्वारा भी प्राथमिकता के आधार पर अपने विभागों के कार्यों की नियमित मानीटरिंग की जाए।
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