यूपी चुनाव 2022: हाकिम लाल बिंद, मुज्तबा सिद्दीकी के सपा में शामिल होने से बदलेगा राजनीतिक समीकरण
UP Chunav 2022 प्रतापपुर के विधायक मुज्तबा सिद्दीकी और हंडिया के विधायक हाकिम लाल बिंद ने वर्ष 2017 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। हालांकि पिछले वर्ष अक्टूबर माह में दोनों ने बसपा छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल होने की घोषणा की थी।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के तहत प्रयागराज में भी नेताओं का एक पार्टी से दूसरी में जाने से राजनीतिक आकलन शुरू है। प्रतापपुर के विधायक मुज्तबा सिद्दीकी और हंडिया के विधायक हाकिम लाल बिंद के समाजवादी पार्टी में शामिल होने से राजनीतिक समीकरण बदलेंगे। खासतौर पर गंगापार क्षेत्र में इसका खासा प्रभाव देखने को मिल सकता है।
प्रतापपुर व हंडिया विधायक बसपा से जीते थे
प्रतापपुर के विधायक मुज्तबा सिद्दीकी और हंडिया के विधायक हाकिम लाल बिंद ने वर्ष 2017 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। हालांकि चुनाव के ठीक पहले पिछले वर्ष अक्टूबर माह में दोनों ने बसपा छोड़ दिया था और सपा में शामिल होने की घोषणा की थी।
जानें कैसे प्रभावित हो सकती है सीट
हंडिया विधानसभा क्षेत्र में बिंद और मल्लाह मतदाताओं की संख्या तो है ही, लेकिन प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में इनकी संख्या सबसे अधिक है। इसके अलावा क्षेत्र में मुस्लिम एवं यादव मतदाताओं की भी संख्या अधिक है। वहीं मुज्तबा सिद्दीकी के सपा में आने से कई सीटों पर प्रभाव पड़ेगा। प्रतापपुर, फूलपुर, फाफामऊ, सोरांव के साथ ही हंडिया विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की प्रभावी संख्या है।
सपा जिलाध्यक्ष का यह है तर्क
सपा जिलाध्यक्ष योगेश यादव का कहना है कि हाकिम लाल बिंद के पार्टी में आने से जिले के साथ ही आसपास के जनपदों में बिंद एवं मल्लाह जाति के मतदाता पार्टी के साथ खड़े हो गए हैं। वहीं, मुज्तबा सिद्दीकी के आने की वजह से मुस्लिम मतदाताओं के बीच बेहतर संदेश गया है। मुज्तबा सिद्दीकी के आने से मुस्लिम मतों के बिखराव को रोकने में काफी सहायता मिलेगी।
ये है बिंद व मल्लाह मतदाताओं की संख्या
हंडिया विधानसभा क्षेत्र में बिंद मतदाताओं की संख्या 50 हजार से अधिक है। प्रतापपुर में भी लगभग 15 हजार बिंद एवं मल्लाह मतदाता हैं। यमुनापार के करछना में भी 20 हजार से अधिक बिंद एवं मल्लाह मतदाता हैं। इनके साथ ही जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी करीब 10 हजार बिंद एवं मल्लाह मतदाता हैं। प्रयागराज से सटे भदोही जनपद में भी बिंद बिरादरी की संख्या अधिक है।
बसपा से डा. आरके वर्मा ने शुरू की थी राजनीति
प्रतापगढ़ जिले के विश्वनाथगंज से अपना दल से चुने गए विधायक डा. आरके वर्मा पार्टी से निकाले जा चुके हैं। जब वह सपा के पक्ष में बोलने लगे व हाल ही में अखिलेश यादव के साथ कार्यक्रमों में नजर आए तो अद अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने उनको बाहर कर दिया। डाक्टर वर्मा की राजनीति बसपा से शुरू हुई थी। 2014 में वह प्रतापगढ़ लोकसभा सीट से बसपा से टिकट मांग रहे थे, नहीं मिला। इस पर वह बसपा से बगावत करके अपना दल में चले गए व विश्वनाथगंज से उपचुनाव में विधायक चुने गए। यह सीट तत्कालीन मंत्री राजाराम पांडेय के निधन से खाली हुई थी। इसके बाद डा. वर्मा 2017 में फिर से विश्वनाथगंज से जीते। वह चिकित्सक हैं। सोरांव में उनका अस्पताल है। वह प्रतापगढ़ के मानधाता क्षेत्र के कटरा गुलाब सिंह के पास सराय देवराय के रहने वाले हैं।