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    अब यूपी की सभी जिला अदालतें होंगी वर्चुअल कोर्ट, हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने पायलट प्रोजेक्ट का किया शुभारंभ

    By Umesh TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 25 Feb 2021 08:48 PM (IST)

    इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने सूचना तकनीक के जरिए दरवाजे पर न्याय की परिकल्पना को मूर्त रूप देना शुरू कर दिया है। इससे छोटे मा ...और पढ़ें

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    मार्च के अंत तक उत्तर प्रदेश की सभी जिला अदालतें वर्चुअल कोर्ट के रूप में कार्य करने लगेंगी।

    प्रयागराज [कृष्ण जी शुक्ल]। आम व्यक्ति को त्वरित और सुलभ न्याय उपलब्ध कराने के लिए वर्चुअल कोर्ट की संकल्पना जल्द साकार होगी। पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत हो चुकी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने प्रयागराज जिला अदालत से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में वर्चुअल कोर्ट का शुभारंभ किया है। उन्होंने कहा कि मार्च के अंत तक उत्तर प्रदेश की सभी जिला अदालतें वर्चुअल कोर्ट के रूप में कार्य करने लगेंगी। 

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    इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने सूचना तकनीक के जरिए दरवाजे पर न्याय की परिकल्पना को मूर्त रूप देना शुरू कर दिया है। इससे छोटे मामलों में कोर्ट-कचहरी का चक्कर लगाने से वादकारियों को छुटकारा मिल सकेगा, विवादों का त्वरित निस्तारण होगा। इससे राजस्व वसूली भी बढ़ेगी। आपराधिक न्याय तंत्र एवं संपत्ति की खरीद फरोख्त सहित भूलेख की पूरी जानकारी एक क्लिक पर घर बैठे ली जा सकेगी। कंप्यूटर कमेटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी की टीम की निगरानी में योजना को साकार किया जा रहा है। महानिबंधक अजय कुमार श्रीवास्तव की ओर से प्रदेश के अपर मुख्य सचिव को भेजे गये पत्र मे पूरी योजना का खाका खींचा गया है।

    ई-चालान पर कोर्ट नोटिस भेजकर पूछेगी, जुर्माना देंगे या करेंगे प्रतिवाद : तकनीक आधारित न्याय प्रणाली में ट्रैफिक पुलिस की ओर से वाहन का ई-चालान कटते ही कोर्ट में दिखायी देगा। वर्चुअल कोर्ट तुरंत वाहन चालक या स्वामी के मोबाइल फोन पर समन जारी करेगी। समन प्राप्त करने वाले को जुर्माना जमा करने या प्रतिवाद करने का विकल्प होगा। वह वेब पोर्टल पर पूरी कार्यवाही और पुराने ई-चालान की भी जानकारी ले सकेगा। जुर्माना ऑनलाइन जमा करते ही उसकी सूचना मिलेगी। पैसा सीधे ट्रेजरी में जमा होगा।

    ऑनलाइन कर सकेंगे एफआइआर : आपराधिक न्याय तंत्र तकनीक से पुलिस जेल, अभियोजन व फोरेंसिक लैब आपस मे जुड़े होंगे। इस प्रणाली में ऑनलाइन एफआइआर दर्ज कराई जा सकेगी। एफआइआर और चार्जशीट को केस इंफार्मेशन सिस्टम के जरिए देखा जा सकेगा। साथ ही कैदियों का डाटा भी उपलब्ध होगा। सभी अदालतें सीसीटीएनएस सॉफ्टवेयर से जुड़ेंगी। वकीलों, वादकारियों, सरकारी प्राधिकारियों, संपत्ति खरीदने वालों व आम लोगों को इस प्रणाली का लाभ मिल सकेगा।

    ई- चालान की स्थिति

    • सात जनवरी 2019 से 31 दिसंबर 2020 तक कुल चालान कटे : 11333367
    • कोर्ट में गए : 3821241
    • निस्तारित : 1789999
    • विचाराधीन : 3642242

    ये होगा लाभ : वर्चुअल कोर्ट के जरिये ई-चालान के निस्तारण में तेजी आएगी। जुर्माना जमा होने से सरकार को राजस्व प्राप्त होगा।