Umesh Pal Case: आखिर उमेश पाल की हत्या से किसको हुआ सबसे बड़ा फायदा, उठा सवाल
Umesh Pal Case प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस कई तथ्यों पर जांच कर रही है। आखिर वारदात के लिए पर्दे के पीछे से किस-किस ने सहयोग किया? उमेश पाल की हत्या के बाद किसे सबसे ज्यादा फायदा होगा?

प्रयागराज : बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या से सबसे बड़ा किसको फायदा हुआ? सवाल बड़ा है। आखिर वारदात के लिए पर्दे के पीछे से किस-किस ने सहयोग किया? उमेश पाल की किन लोगों से जमीन को लेकर अदावत चल रही थी और माफिया के गुर्गों से किस मसले पर डील हुई थी? ऐसे कई सवाल हैं, जो अब उमेश पाल से जुड़े लोगों की जुबान पर धीरे-धीरे आने लगे हैं।
अतीक के करीबीयों से गहरे हो गए थे रिश्ते
करीबी जानकारों का कहना है कि उमेश पाल का अतीक गैंग के कई सदस्यों से गहरे संबंध हो गए थे और फिर सभी लोग एक साथ अलग-अलग स्थान पर प्रापर्टी डीलिंग का काम शुरू कर दिए थे। इसी दौरान पीपलगांव, करेली, कटहुला और पूरामुफ्ती इलाके में कुछ लोगों से झगड़ा हुआ, जिसके बाद अदावत शुरू हो गई थी।
पुलिस ने चालक अरबाज को किया ढेर
उधर, पुलिस ने हत्याकांड के साजिशकर्ता सदाकत खान को गिरफ्तार करते हुए कार चालक अरबाज को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया। मगर पुलिस अधिकारी हत्या की वजह आधिकारिक रूप से स्पष्ट नहीं बता सके। कुछ का कहना है कि अपहरण के मुकदमे की पैरवी करने पर उमेश की हत्या करके उसे रास्ते से हटाया गया, जबकि कई शख्स जमीनी विवाद को वजह मान रहे हैं।
अतीक के करीबियों के जमीन पर हो रहा था कब्जा
इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि उमेश पाल के सहयोग से कुछ शख्स अतीक के करीबियों की जमीन पर कब्जा कर रहे थे, जिन जमीनों पर पहले से कब्जा था, उनसे छीना जा रहा था। इसके चलते माफिया के कुछ अति करीबी लोगों को करोड़ों रुपये की चपत लगी।
पुलिस कर रही छानबीन
यह बात भी कही जा रही है कि माफिया के गुर्गे मो. मुस्लिम समेत कई अन्य के खिलाफ घटना के छह महीने बाद भूमि विवाद में रंगदारी मांगने के आरोप में मुकदमा लिखा गया था। अतीक गैंग के सदस्य गुलफुल के दामाद अशरफ ने भी उमेश की मदद से तमाम गुर्गों के बारे में पुलिस से जानकारी शेयर करते हुए प्रापर्टी डीलिंग से फायदा उठाया था। ऐसे सभी बिंदुओं पर पुलिस छानबीन कर सच्चाई का पता लगा रही है।
अतीक हुआ कमजोर
माफिया कमजोर पड़ा तो कई और फन उठा लेते हैं अपराध की दुनिया का यही सच है, अगर माफिया कमजोर पड़ा तो उसी के गैंग के कई और फन उठा लेते हैं। एक रिटार्यड अधिकारी की मानें तो उमेश पाल हत्याकांड में संभवतः यही हुआ। उमेश पाल की निकटता किससे थी, अतीक गिरोह के ही कुछ सदस्यों से, उमेश को धमकी देने वाले कौन थे, अतीक के ही कुछ गुर्गे।
विधायक पूजा पाल ने लगाया आरोप
विधायक पूजा पाल ने उमेश पर आरोप लगाया है कि इन दिनों उमेश की अतीक के कुछ गुर्गों से अच्छी दोस्ती थी, यानी दोनों तरफ गुर्गे थे, उमेश के साथ चलने वाले गुर्गों ने एक तरह से माफिया के खिलाफ ताल ही ठोंक दिया था, ऐसे में हो ना हो माफिया की तरफ से उमेश की हत्या की साजिश अपने विरोधियों को संदेश देना भी था कि देर सबेर तुम्हारा भी अंजाम यही हो सकता है, ताकि उसकी अपराध की दुनिया में धाक कमजोर ना पड़ने पाए, कुछ ऐसा ही इस केस में भी दिखता है, अब पुलिस की जांच ही रहस्य से पर्दा उठा सकेगी।
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