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    ... तो 81 वर्षों के बाद सुल्तानपुर से जुड़ जाएंगे प्रतापगढ़ जनपद के दो गांव

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Wed, 31 Oct 2018 06:22 PM (IST)

    प्रतापगढ़ के पट्टी तहसील के दो गांवों के सुल्‍तानपुर जनपद में शामिल होने की कवायद चल रही है। अगर ऐसा हुआ तो 81 वर्षों का लंबे अंतराल की समाप्ति होगी। ...और पढ़ें

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    ... तो 81 वर्षों के बाद सुल्तानपुर से जुड़ जाएंगे प्रतापगढ़ जनपद के दो गांव

    प्रयागराज : आखिर 81 वर्ष बाद प्रतापगढ़ के पट्टी तहसील के अंतर्गत आने वाले आसपुर देवसरा थाने का मामला सुर्खियों में आ गया है। देवसरा थाने के अंतर्गत आने वाले 144 राजस्व गांव में से दो गांव को यहां से अलग कर सुल्तानपुर जनपद के प्रतापपुर कमैचा क्षेत्र पंचायत के अंतर्गत समाहित किया जा सकता है। अब दोनों गांव के लोगों के विवाद चांदा थाने में सुने जाएंगे। मुख्यमंत्री की पहल पर इसकी सूचना जिला मुख्यालय से होकर क्षेत्राधिकारी कार्यालय से वापस शासन को भेजी गई है।

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      आसपुर देवसरा क्षेत्र पंचायत के अंतर्गत कुल 84 ग्राम पंचायतें आती हैं। इसमें 144 राजस्व गांव शामिल हैं। प्रतापगढ़ की सीमा पर दो गांव ऐसे हैं, जिनमें मारपीट के मामले तो इसी जिले के आसपुर देवसरा थाने में दर्ज किए जाते हैं। वहीं राजस्व से संबंधित मामले सुल्तानपुर जिले के लंभुआ तहसील में देखे जाते हैं। यह व्यवस्था आजादी के बाद से आज तक चली आ रही है। इस मामले को कई बार दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया है। पहले मुनीपुर, बासुपुर व त्रिलोकपट्टी एवं फर्मापुर को मिलाकर एक ग्राम ग्राम पंचायत बनी हुई थी। बीते त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान यहां पर मुनीपुर को ग्राम पंचायत का दर्जा मिल गया। मारपीट के मामले एवं अपराध के मामले आसपुर देवसरा थाने में दर्ज होने से यहां के लगभग तीन हजार से अधिक ग्रामीण परेशान थे। जब भी वह राजस्व का मामले में फंसते तो उन्हें सुल्तानपुर जनपद के लंभुआ तहसील का चक्कर लगाना पड़ता था और उनके समस्त विवादों का निपटारा भी होता था। इस मामले का संज्ञान सुलतानपुर के सांसद वरुण गांधी ने लिया। ग्रामीणों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उन्होंने मामले को संसद में उठाया। सांसद वरुण गांधी के पत्र के बाद यह मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में आया और उन्होंने इस मामले में रिपोर्ट जिला मुख्यालय से तलब की। बाद में इसकी रिपोर्ट क्षेत्राधिकारी कार्यालय पट्टी में आई। यहां से स्पष्ट आख्या मांगी गई कि मुनिपुर एवं बासूपुर को सुलतानपुर जनपद के प्रतापपुर कमैचा ब्लाक तथा इसी जनपद के चांदा थाने में समाहित कर दिया जाए तो क्या दिक्कत आएगी। यहां से रिपोर्ट भेज दी गई है।

     माना जा रहा है कि आसपुर देवसरा थाने के 144 गांव में से मुनीपुर और बासूपुर अलग हो सकते हैं। इससे आसपुर देवसरा थाने में 142 राजस्व गांव ही रह जाएंगे। ग्राम प्रधान मुनीपुर अजय कुमार सरोज का कहना है कि अपराध के मामलों आसपुर देवसरा थाना एवं राजस्व के मामलों में सुल्तानपुर जनपद में जाने के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है। अगर दोनों को सुल्तानपुर जनपद में समाहित कर दिया जाता है तो लोगों को भागदौड़ से निजात मिलेगी।

    जिन दो गांवों के संबंध में रिपोर्ट शासन से मांगी गई थी। उसकी रिपोर्ट भेज दी गई है। अब आगे की कार्रवाई शासन स्तर से होनी है।

    -जीडी मिश्र, सीओ पट्टी