प्रयागराज के काल्विन अस्पताल में तड़पते रहे वृद्ध, नहीं पसीजे डाक्टर, ऊपर से आया आदेश तो किया भर्ती
दोनों बुजुर्ग स्ट्रेचर पर ही तड़पते रहे और एंबुलेंस कर्मी डाक्टरों से बराबर मिन्नतें करते रहे कि ये तो रोगी हैं इनके लिए एरिया और क्राइटेरिया का क्या ...और पढ़ें

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सरकारी नियम वैसे तो जनहित को सुविधाजनक बनाते हैं लेकिन सरकारी नुमाइंदों की इसमें अतिशयोक्ति कभी-कभी मानवता को शर्मशार कर देती है। प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय यानी काल्विन अस्पताल में रविवार को हुए एक वाकये को जानकर आप भी अचंभित हो सकते हैं। यहां एंबुलेंस सेवा 108 से ले जाए गए जहरखुरानी के शिकार दो वृद्धों का इमरजेंसी के डाक्टरों ने इलाज करने से मना कर दिया। डाक्टर, एंबुलेंस कर्मियों को एरिया और क्राइटेरिया का नियम बताकर फटकारने लगे।सीएमओ से शिकायत और काफी मशक्कत करने पर करीब डेढ़ घंटे बाद उसी इमरजेंसी के डाक्टरों ने तड़पते वृद्धों को भर्ती किया।
जहरखुरानी के शिकार बुजुर्गों को लेकर अस्पताल पहुंचे थे एंबुलेंस कर्मी
सरकारी एंबुलेंस सेवा के कर्मियों के अनुसार उन्हें पीआरबी से सूचना मिली थी कि रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 10 पर दो बुजुर्ग जहरखुरानी के शिकार हो गए हैं। उन्हें जल्दी से अस्पताल पहुंचाना है। एंबुलेंस कर्मी फौरन ही वहां पहुंचे, बिना एक भी मिनट समय गंवाए दोनों बुजुर्गों को लेकर काल्विन अस्पताल के इमरजेंसी सेवा में पहुंच गए।
डाक्टरों ने एरिया और क्राइटेरिया का हवाला देकर इलाज से किया इंकार
एंबुलेंस वहां सुबह 10.35 बजे पहुंच गई थी। इमरजेंसी के डाक्टरों ने दोनों का इलाज करने से स्पष्ट मना कर दिया। कहा कि जहां से लेकर आए हैं, उसका एरिया सिविल लाइंस लगता है। ऐसे में उन्हें बेली अस्पताल ले जाना चाहिए। उधर दोनों बुजुर्ग स्ट्रेचर पर ही तड़पते रहे और एंबुलेंस कर्मी डाक्टरों से बराबर मिन्नतें करते रहे कि ये तो रोगी हैं इनके लिए एरिया और क्राइटेरिया का क्या मतलब। किसी भी तड़पते व्यक्ति का इलाज फौरन होना चाहिए। इस पर डाक्टरों ने उन्हें फटकार लगा दी।
सीएमओ के हस्तक्षेप के बाद बुजुर्गों को इमरजेंसी में भर्ती किया गया
एंबुलेंस कर्मियों की मानें तो काल्विन अस्पताल के इमरजेंसी में डाक्टर कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हुए और वक्त निकलता जा रहा था और दोनों वृद्धों की हालत बिगड़ती जा रही थी। ऐसे में उन्होंने लखनऊ में अपने कंट्रोल रूम में फोन किया। इसके बाद प्रयागराज के मुख्य चिकित्साधिकारी से भी संपर्क करना पड़ा। सीएमओ ने फोन किया तब जाकर डेढ़ घंटे बाद इमरजेंसी में डाक्टरों ने दोनों बुजुर्गों को दाेपहर एक बजकर 11 मिनट पर भर्ती किया।

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