Save Water Campaign: वर्षा जल का संरक्षण है बेहद जरूरी, आप भी जानिए तरीके और करिए योगदान
पानी को संरक्षित करना अब बेहद जरूरी हो गया है।घरेलू और व्यवसायिक उपयोग के लिए वर्षा जल को संरक्षित करना सबसे आसान और बेहतरीन तरीका माना जाता है। कई तरीकों से हम वर्षा के जल को संरक्षित कर सकते हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। पानी का उपयोग घर, कृषि और व्यापार के क्षेत्र में बेतहाशा होने लगा है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी मिट्टी के अंदर जल स्तर कम होने लगा है। ऐसे में पानी को संरक्षित करना अब बेहद जरूरी हो गया है।घरेलू और व्यवसायिक उपयोग के लिए वर्षा जल को संरक्षित करना सबसे आसान और बेहतरीन तरीका माना जाता है। देखा जाए तो हर साल थोड़ी बहुत वर्षा हर क्षेत्र में होती है। ऐसे में कई तरीकों से हम वर्षा के जल को संरक्षित कर सकते हैं। प्रतापगढ़ जिले के कई कालेजों में वर्षा जल को संरक्षण के इंतजाम हो चुके हैं।
वर्षा जल संचयन अथवा रेन वाटर हारवेस्टिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें हम वर्षा के पानी को जरूरत की चीजों में उपयोग कर सकते हैं। वर्षा के पानी को एक निर्धारित स्थान पर जमा कर वर्षा जल संचयन कर सकते हैं। इसके कई तरीके हैं, जिनकी मदद से हम रेन वाटर हारवेस्टिंग कर सकते हैं। शहर के संत अंथोनी इंटर कालेज में प्रधानाचार्य फादर आनंद कुमार जॉन ने वर्षा जल संचयन को टैंक बनवाया है। इसमें बरसात के जल का संचय किया जाता है। इसी प्रकार अष्टभुजानगर स्थित प्रभात एकेडमी में वर्षा जल के सरंक्षण के लिए व्यवस्था की गई है। इसे जमीन के अंदर एकत्र किया जाता है। इसी प्रकार साकेत महाविद्यालय में भी वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की गई है। प्रबंधक अरविंद श्रीवास्तव बताते हैं कि कालेज में वर्षा के जल का संरक्षण किया जाता है।
ऐसे करें वर्षा जल संचयन
वर्षा जल संचयन के कुछ तरीके बहुत ही कारगर साबित हुए हैं। संचयन किए गए वर्षा जल को हम व्यावसायिक और साथ ही घरेलू उपयोग में भी ला सकते हैं। इस पानी का घरेलू या व्यवसायिक इस्तेमाल किया जा सकता है।
-सतह जल वह पानी होता है, जो वर्षा के बाद जमीन पर गिरकर धरती के निचले भागों में बहकर जाने लगता है।
-गंदी अस्वस्थ नालियों में जाने से पहले सतह जल को रोकने के तरीके को सतह जल संग्रह कहा जाता है।
-बड़े-बड़े ड्रेनेज पाइप के माध्यम से वर्षा जल को कुआं,नदी, तालाबों में जमा करके रखा जाता है।
- छत पर गिरने वाले बारिश के पानी को संचय करक रख सकते हैं।
- ऐसे में ऊंचाई पर खुले टंकियों का उपयोग किया जाता है, जिनमें वर्षा के पानी को संग्रहित कर नलों के माध्यम से घरों तक पहुंचाया जाता है।
-भूमिगत टैंक से पानी को संरक्षित रख सकते हैं। इस प्रक्रिया में वर्षा जल को एक भूमिगत गड्ढे में डाला जाता है, जिससे भूमिगत जल की मात्रा बढ़ जाती है।
-जल संग्रह जलाशय बनाकर वर्षा के जल का संचय किया जा सकता है।
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