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    कौशांबी के गांव में एक ही दिन कबीर पंथी संत समेत तीन लोगों की मौत, छाया मातम और गूंज रहा है विलाप

    By Ankur TripathiEdited By:
    Updated: Thu, 25 Feb 2021 05:49 PM (IST)

    कौशांबी जनपद में पिपरी कोतवाली के फतेहपुर- सहावपुर गांव में बुधवार की रात कबीरपंथी संत समेत तीन लोगों की मौत हो गई। एक ही रात गांव के तीन लोगों की मौत से हर तरफ मातम पसरा है। हर कोई गमजदा है।

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    एक ही रात गांव के तीन लोगों की मौत से हर तरफ मातम पसरा है।

    प्रयागराज, जेएनएन। कौशांबी जनपद में पिपरी कोतवाली के फतेहपुर- सहावपुर गांव में बुधवार की रात कबीरपंथी संत समेत तीन लोगों की मौत हो गई। एक ही रात गांव के तीन लोगों की मौत से हर तरफ मातम पसरा है। हर कोई गमजदा है। स्वजनों ने पुलिस को सूचना दिए बिना शवों का अंतिम संस्कार कर दिया। 

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    एक ही रात तीन मौतों से गांव में मचा है कोहराम

    चायल विकास खंड के फतेहपुर-सहावपुर गांव निवासी श्रीनाथ (65) पुत्र रामभरोस गांव स्थित एक कबीरपंथ आश्रम के महंत थे। वह एक माह से से प्रयागराज कुंभ मेला में कल्पवास कर रहे थे। स्वजनों ने बताया कि बुधवार की शाम प्रयागराज के नैनी स्थित संत श्रीनाथ के एक शिष्य के यहां भंडारे का आयोजन किया गया था। आयोजन में शामिल होने के लिए महंत अपनी बिना गियर वाली बाइक से वहां गए थे। शाम करीब आठ बजे जैसे ही उनकी मोटरसाइकिल नैनी पुल पर पहुंची तभी अचानक वह बाइक से गिर गए। राहगीर दौड़कर पहुंचे मगर मौके पर ही उनकी मौत हो गई। स्वजन बिना पोस्टमार्टम कराए शव को गांव ले आए। गुरुवार की सुबह उनके घर पर लोगों की भीड़ लगी रही। ग्रामीणों व संतों की उपस्थिति में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। 

      इसी प्रकार गांव के लालचंद्र (60) पुत्र छोटे लाल मजदूरी पर हैंडपंप की बोरिंग का काम करते थे। परिवार के लोगों के मुताबिक दो दिन से उन्हें बुखार आ रहा था। स्थानीय क्लीनिक से इलाज चल रहा था। बुधवार शाम उनकी तबियत बिगड़ने लगी। आनन-फानन में घरवाले उन्हें रावतपुर स्थित एक निजी अस्पताल ले गए। वहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। ऐसी तीसरी घटना में मजदूरी कर परिवार का पालन करने वाले हरिश्चंद्र (55) की बुधवार की रात सांस  थम गई । स्वजनों के मुताबिक पास के एक क्लीनिक से बुखार का इलाज चल रहा था। गुरुवार सुबह तीनों शवों का ग्रामीणों की मौजूदगी में  परिवार के लोगों ने अंतिम संस्कार कर दिया।