Prayagraj Development Authority: सालभर में बने हजारों मकान, नक्शा स्वीकृत महज 272 के
डिमांड रकम जमा करने पर नक्शा स्वीकृत कर दिया जाता है। 40 स्क्वायर मीटर (कुल क्षेत्रफल) और कम से कम 13 फीट की चौड़ाई होने पर नक्शा स्वीकृत कराना अनिवार ...और पढ़ें

प्रयागराज,जेएनएन। शहर में अवैध निर्माण धड़ल्ले से हो रहे हैं, लेकिन प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के अफसर उस पर अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं। करीब सवा साल में हजारों मकानों के बनने के अनुमान हैं, पर नक्शा स्वीकृत सिर्फ 272 भवनों के हुए हैं। इससे साफ है कि ज्यादातर मकानों के निर्माण अवैध हुए हैं। पीडीए के सचिव दयानंद प्रसाद ने बताया कि अवैध निर्माण कराने वाले लोगों पर सख्ती की गई है। बिना नक्शा पास कराए मकान बनाने पर कार्रवाई करने के निर्देश अफसरों को दिए गए हैं। जो भी लोग अवैध निर्माण करा रहे हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
सवा साल पहले लागू हुई थी ऑनलाइन व्यवस्था
पीडीए में पिछले साल फरवरी महीने में नक्शा दाखिल करने की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हुई। तब से कुल 272 नक्शा स्वीकृत हुए। इसमें सबसे ज्यादा 233 कालोनियों, 26 प्राइवेट और 13 बड़े कामर्शियल मानचित्र शामिल हैं। इस वित्तीय वर्ष की बात करें तो एक अप्रैल से 82 मानचित्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन किए गए, जिसमें से 35 स्वीकृत हो गए हैं। लैंडयूज ठीक न होने एवं अन्य कारणों से चार मानचित्र निरस्त कर दिए गए। बाकी 43 मामलों में परीक्षण चल रहा है। कुल मानचित्रों के स्वीकृत होने से प्राधिकरण को करीब 19 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई।
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया
मानचित्र स्वीकृति के लिए आॢकटेक्ट से नक्शा बनवाकर और जरूरी दस्तावेज लगाकर ऑनलाइन दाखिल करना होता है। कोई आपत्ति होने पर ऑनलाइन ही भेजी जाती है, इसलिए पोर्टल पर निगरानी बनाए रखनी चाहिए। आपत्ति का जवाब मिलने पर डिमांड भेजी जाती है। डिमांड रकम जमा करने पर नक्शा स्वीकृत कर दिया जाता है। 40 स्क्वायर मीटर (कुल क्षेत्रफल) और कम से कम 13 फीट की चौड़ाई होने पर नक्शा स्वीकृत कराना अनिवार्य है। सामान्य दशा में 1500 रुपये स्क्वायर मीटर शुल्क लगता है। हालांकि, झलवा जैसे डेवलपिंग क्षेत्रों में नक्शा पास कराने के लिए 10 फीसद बेटरमेंट चार्ज लिया जा रहा है।

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