छह करोड़ में बिकेगा डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी का बंगला Prayagraj News
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी का बंगला छह करोड़ रुपये में बिकेगा। जिसे उनके पड़ोसी आनंद मिश्र समेत अन्य लोग मिलकर खरीदेंगे।
प्रयागराज, जेएनएन। पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मुरली मनोहर जोशी का बंगला 'आंगिरस' लगभग छह करोड़ में बिकेगा। इसे पांच लोग खरीद रहे हैं।आज इसकी रजिस्ट्री होगी। रजिस्ट्री की प्रक्रिया डॉ. जोशी के बंगले पर ही पूरी की जाएगी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. जोशी बंगले को बेचने के लिए ही अपनी पत्नी तरला जोशी के साथ चार दिन के प्रयागराज प्रवास पर हैं। उनकी बेटी प्रियंवदा भी परिवार के साथ मंगलवार को प्लेन से प्रयागराज आ गईं। बंगले की रजिस्ट्री बुधवार को दोपहर में होगी। कागजात तैयार न हो पाने के कारण मंगलवार को रजिस्ट्री नहीं हो सकी। बताते हैं कि तकरीबन छह करोड़ रुपये में कुल सौदा हुआ है। लगभग 1200 वर्ग गज में 1000 वर्ग गज में बंगला है जिसे डॉ.जोशी के पड़ोसी डॉ.आनंद मिश्र तथा उनके भाई अनुपम मिश्र लेंगे।
डॉ. आनंद ह्रदय रोग विशेषज्ञ हैं तथा उनके भाई अनुपम दिल्ली स्थित एक मल्टीनेशनल कंपनी में जीएम हैं। शेष सौ वर्ग गज जमीन विद्युत विभाग के अधिकारी धरनीधर द्विवेदी खरीदेंगे। शिक्षिका संध्या कुशवाहा व प्रियंका कुशवाहा 50-50 वर्ग गज जमीन खरीदेंगी। धरनीधर, संध्या व प्रियंका का निकास पीछे की ओर से होगा जबकि डॉ. आनंद व अनुपम का फ्रंट की ओर से निकास होगा। डॉ. आनंद का भी बंगला डॉ. जोशी के बंगले से सटा है।
डॉ. आनंद के पिता डॉ. हर्षनाथ मिश्र इविवि में राजनीति विज्ञान विभाग में प्रोफेसर रहे और डॉ. जोशी के मित्र भी थे। संध्या के पति धर्मेद्र और प्रियंका के पति आशीष बिजनेस करते हैं। रजिस्ट्री की सभी प्रक्रिया डॉ. जोशी के बंगले पर ही होगी। इसके लिए मंगलवार को उप निबंधक कार्यालय में पांच हजार रुपये अतिरिक्त शुल्क जमा किया गया है। उप निबंधक कमला देवी ने बताया कि इसके तहत उप निबंधक कार्यालय का स्टॉफ डॉ.जोशी के घर जाएगा और वहां पर ही रजिस्ट्री कराई जाएगी।
डॉ. जोशी ने दिल्ली ट्रांसफर कराए तीनों बैंक एकाउंट भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ.मुरली मनोहर जोशी का प्रयागराज से नाता अब लगभग टूट ही जाएगा। उन्होंने अपनी तीनों बैंक एकाउंट को दिल्ली ट्रांसफर करा लिया। उनका एक खाता भारतीय स्टेट बैंक इलाहाबाद विश्वविद्यालय शाखा में था जहां उन्हें पेंशन मिलती थी। इसी तरह एक खाता भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा में था। इसी शाखा में जन कल्याण समिति नामक उनकी संस्था का भी खाता था।
मंगलवार को डॉ. जोशी बैंक में खुद गए और खाता ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी की। उन्होंने अपने खातों का स्टेटमेंट भी लिया। इस दौरान बैंक के उच्चाधिकारियों ने उनका हाल भी पूछा। दरअसल, डॉ.जोशी जब भी विवि बैंक शाखा में जाते थे तो कुछ देर रुकते थे और अधिकारियों व कर्मचारियों से कुशलक्षेम पूछते थे। इस बार भी वह विवि बैंक शाखा के मुख्य प्रबंधक नवीन कुमार चौधरी के चैंबर में रहे।
स्वाध्याय से जुड़ेंगे, पार्टी को देते रहेंगे सलाह
डॉ. जोशी स्वाध्याय से जुड़ेंगे। वह पार्टी को सलाह भी देते रहेंगे। उनके करीबी ने बताया कि डॉ. जोशी का प्रयागराज से नाता जुड़ा रहेगा। वह किताब भी लिखेंगे और अनुभव शेयर करेंगे। विश्वविद्यालय से लगाव उनका बना रहेगा। यहां के कार्यक्रमों में वह आते रहेंगे। अपने करीबी लोगों के घर में पार्टी अथवा अन्य मौकों पर भी वह आने में गुरेज नहीं करेंगे।
2004 में लोकसभा चुनाव में पराजय मिलने के बाद डॉ. जोशी ने शहर छोड़ा
वर्ष 2004 में इलाहाबाद से लोकसभा चुनाव में पराजय मिलने के बाद से ही डॉ. जोशी ने शहर को लगभग छोड़ दिया था। वर्ष 2009 में वाराणसी और फिर 2014 में कानपुर से सांसद चुने जाने के बाद उनका प्रयागराज आना दो-तीन बार ही हो सका। डॉ.जोशी तथा उनकी दोनों बेटियां प्रियंवदा और निवेदिता दिल्ली में रहने लगीं। ऐसे में उन्हें प्रयागराज का बंगला 'आंगिरस' बेचना पड़ रहा है।