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    Polo Ground in Prayagraj : जहां हर साल दिखता है भारतीय सेना का शौर्य, लोग करीब सेे देखते हैं फौज के हथियार

    इस आयोजन का उद्देश्य सेना की कार्यशैली के बारे में लोगों को जानकारी देना होता है। लोगों में सेना के हथियारों को लेकर कौतूहल होता है जिसे सामान्य तौर पर लोग नहीं देख सकते हैं ऐसे में लोगों को एक मौका दिया जाता है।

    By Ankur TripathiEdited By: Updated: Fri, 01 Jan 2021 07:00 AM (IST)
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    ब्रिटिश शासनकाल में इस मैदान पर अंग्रेज अफसर घोड़े पर सवार होकर पोलो मैच खेलते थे।

    प्रयागराज, जेएनएन। भारतीय सेना की कार्यशैली, युद्धकौशल और उसके द्वारा प्रयोग किए जाने वाले हथियारों व उपकरणों को करीब से छूकर देखना और उनके बारे में जानना हो तो नियत दिन पोलो ग्राउंड पहुंच जाइए बस। इलाहाबाद हाईकोर्ट के समीप छावनी क्षेत्र (कैंटोनमेंट) स्थित पोलो ग्राउंड में हर साल सेना द्वारा प्रयोग किए जाने वाले साजो सामान की प्रदर्शनी लगाई जाती है। इस दौरान युद्ध के मैदान जैसे क्रियाकलाप का प्रदर्शन भी सेना करती है। पूरे देश में दिल्ली और प्रयागराज में ही इस तरह के आयोजन किए जाते हैं।

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    सेना दिवस 15 जनवरी के उपलक्ष्य में लगती है यहां सैन्य प्रदर्शनी

    आर्मी डे यानी सेना दिवस हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन फील्ड मार्शल जनरल केएम करियप्पा ने अंग्रेज सेना के जनरल राय बूचर से भारतीय सेना के कमांडर इन चीफ का पदभार लिया था। उक्त मौके की याद में प्रत्येक साल उसी तिथि पर सेना दिवस मनाया जाता है और पोलो ग्राउंड में सेना द्वारा साजो सामान की प्रदर्शनी लगाने के साथ उनको चलाने का तरीका भी दिखाया जाता है।

    ब्रिटिश शासनकाल में अंग्रेज यहां खेलते थे पोलो मैच

    ब्रिटिश शासनकाल में इस मैदान पर अंग्रेज अफसर घोड़े पर सवार होकर पोलो मैच खेलते थे। तभी से इसका नाम पोलो ग्राउंड पड़ गया। आज भी लोग इसे पोलो ग्राउंड के नाम से ही जानते हैं। बताते हैं कि अंग्रेजीकाल में इस मैदान पर एक हजार से अधिक पोलो मैच खेले गए। आजादी के बाद यह मैदान भारतीय सेना के अधिकार क्षेत्र में आ गया। वर्तमान समय में भी दो से तीन दिन तक लगने वाली सेना की प्रदर्शनी के दौरान आर्मी की टीमों के बीच पोलो का प्रदर्शन मैच खेला जाता है। 

    हथियारों के साथ देखने को मिलता है सेना का युद्ध कौशल

    सेना दिवस के अवसर पर पोलो ग्राउंड में हर साल होने वाले इस आयोजन में सेना की रेड ईगल डिवीजन द्वारा हार्स शो, हेलिकाप्टर से पैरा जंपिंग, क्विक ट्रूप डिप्लायमेंट, छावनी लगाने के प्रदर्शन के अलावा विभिन्न किस्म के गन, सर्विलांस डिवाइस, राडार, तोप, टैंक के साथ ही रात में देख सकने वाली दूरबीन, थर्मल इमेजर, ब्रिज बनाने के उपकरणों के साथ ही छोटे हथियारों का प्रदर्शन किया जाता है। सैनिकों की ओर से इन्हें चलाने की जानकारी भी दी जाती है। लोगों को हथियारों व उपकरणों को छूकर देखने और समझने का मौका भी दिया जाता है। बाढ़ व अन्य विभीषिका के समय सेना के बचाव कार्य तथा सैनिकों को युद्ध क्षेत्र में हेलिकाप्टर से उतारने का प्रदर्शन भी किया जाता है। 

    आयोजन का उद्देश्य सेना के बारे में लोगों को जानकारी देना

    सेना के पीआरओ शैलेंद्र पांडेय का कहना है कि इस आयोजन का उद्देश्य सेना की कार्यशैली के बारे में लोगों को जानकारी देना होता है। लोगों में सेना के हथियारों को लेकर कौतूहल होता है जिसे सामान्य तौर पर लोग नहीं देख सकते हैं, ऐसे में लोगों को एक मौका दिया जाता है। सेना में जाब्स के प्रति युवाओं को आकर्षित करना भी इस आयोजन का उद्देश्य है। इसके लिए स्कूली बच्चों को आयोजन देखने के लिए आमंत्रित किया जाता है। उन्हें सेना में भर्ती होने के तौर तरीके भी बताए जाते हैं। 

    कोरोना संक्रमण के चलते अबकी साल आयोजन पर संकट 

    कोरोना संक्रमण के चलते इस साल सेना दिवस के अवसर पर पोलो ग्राउंड में सेना की प्रदर्शनी के आयोजन पर संकट है। सेना के पीआरओ शैलेंद्र पांडेय का कहना है कि कोविड-19 के चलते इस साल शायद ही आयोजन हो पाए हालांकि अभी आयोजन को लेकर अंतिम निर्णय नहीं हो सका है।