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    अभिलेखागार से नक्शा चोरी होने से प्रतापगढ़ के प्रशासनिक अधिकारी सन्न, लिखा गया मुकदमा

    By Ankur TripathiEdited By:
    Updated: Tue, 24 Aug 2021 07:20 AM (IST)

    अभी कुछ दिन पहले दो युवक अभिलेखागार से नक्शा लेकर भाग रहे थे। लोगों ने दौड़ाकर उनको पकड़ा था। अब नया मामला उससे कई गुना बड़ा मिला है। यह प्रमाण के साथ पकड़ा गया तो प्रशासन के अफसर कुछ कह सकने की स्थिति में नहीं रहे।

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    चिलबिला में फोटो स्टेट कराते समय लोगों ने था पकड़ा, जमीन की मालियत व नंबर में खेल करने का राजफाश

    प्रतापगढ़, जागरण संवाददाता। यह तो हद ही है। प्रशासन की कड़ी सुरक्षा में रहने वाले कलेक्ट्रेट अभिलेखागार से सरकारी नक्शा चोरी कर लिया जा रहा है। चोरी के बाद मूल नक्शे में हेराफेरी कर जमीन की सौदेबाजी तथा हड़पने करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। इस प्रकरण में रिपोर्ट दर्ज हो गई है।

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    चौंकाने वाली बातें आई हैं सामने

    अभी कुछ दिन पहले दो युवक अभिलेखागार से नक्शा लेकर भाग रहे थे। लोगों ने दौड़ाकर उनको पकड़ा था। अब नया मामला उससे कई गुना बड़ा मिला है। यह प्रमाण के साथ पकड़ा गया तो प्रशासन के अफसर कुछ कह सकने की स्थिति में नहीं रहे। ऐसे में मुकदमा दर्ज करा दिया। अब तक की छानबीन में चौंकाने वाले तथ्य प्रशासन व पुलिस को मिले हैं। पुलिस के अनुसार मुहाफिजखाना में संविदा कर्मी रामदुलार, लाल बहादुर,कृष्ण कुमार आदि कर्मी विनोद उर्फ नन्हें यादव नाम के बिचौलिए से मिलकर रैकेट चला रहे हैं।

    जमीन के नंबर बदले, किसानों की जमीन हड़पी

    इसमें इसरार नामक युवक भी मजबूती से जुड़ा है। उसी के पास सोनांव में रविवार को मूल नक्शा बरामद किया गया है। वह कई लोगों का रैकेट बनाकर नक्शा कर्मियों की मिलीभगत से चुराकर उस पर ओवर राइटिंग करता है। केमिकल द्वारा अभिलेखों में छेड़छाड़ की जाती है। बंजर, जीएस, पट्टा को इधर से उधर किया जाता है। जमीन के नंबर बदल दिए जाते हैं। किसानों की जमीन हड़पी जाती है। ऐसा ही कांड करने के दौरान यह मामला खुल गया। लोगों ने भनक लगने पर साधन सहकारी समिति रंजीतपुर चिलबिला सोनावा के पास गांव वालों ने रोककर तलाशी ली तो उसके पास से मुहाफिजखाना का मूल अभिलेख जो ग्राम सभा सोनावा का मूल पुष्टिकृत भूमि नक्शा था पाया गया। एक नक्शा ग्राम सोनावा का सन 1384-85 फसली तदनुसार 1977 -78 जोकि चकबंदी के पहले का पुराना नक्शा है, उसकी छाया प्रति पाई गई। लोगों ने आरोपितों को पीटा भी। सूचना पाने पर तहसीलदार सदर अरविंद कुमार व पुलिस ने नन्हें यादव व इसरार अहमद को हिरासत में ले लिया। यह तो एक गांव का मामला पकड़ा गया है। पता नहीं यह रैकेट अब तक किन-किन गांवों में खेल किया होगा।

    जांच को बनेगी कमेटी, बोले सीआरओ

    इस रैकेट का संचालन बिना मुहाफिजखाना के स्टाफ के सहयोग के नहीं हो सकता। नक्शा बाहर गया कैसे। सीआरओ इंद्रभूषण भी यह मानते हैं कि कुछ कर्मियों की भूमिका संदिग्ध है। मामले की गहराई से छानबीन कराने के लिए जांच कमेटी गठित की जाएगी। पुलिस अपनी जांच करेगी और प्रशासन की टीम अपने स्तर से छानबीन करेगी। दोषियों पर कार्रवाई होगी।