Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Symonds and Company: दुनिया के दिग्गज क्रिकेटरों की पहली पसंद थे प्रयागराज में बने सायमंड्स के बल्ले

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Fri, 19 Feb 2021 03:59 PM (IST)

    Symonds and Company सायमंड्स एंड कंपनी के संस्थापक परिवार के अमित बनर्जी के मुताबिक वेस्ट इंडीज के क्लाइव लॉयड लैरी गोम्स रिची रिचर्डसन गॉर्डन ग्रीनिज गैरी सोबर्स गार्डन ग्रीनिज भारत के कृष्णमचारी श्रीकांत सुनील गावस्कर वेंकट पति राजू कपिल देव आदि दिग्‍गज सायमंड्स के बैट से खेलकर विश्‍व रिकार्ड बनाए।

    Hero Image
    प्रयागराज में सायमंड्स एंड कंपनी के बैट की मांग विश्‍व के दिग्‍गज क्रिकेटरों में थी।

    प्रयागराज, जेएनएन। एक समय धर्म, साहित्य व राजनीति के क्षेत्र में सिरमौर रहे प्रयागराज की खेल के इलाके में भी तूती बोलती थी। इस शहर का खेल के हर क्षेत्र में गहरा हस्तक्षेप रहा है। यहां के खिलाडिय़ों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने हुनर की आभा बिखेरी तो खेल के सामान बनाने वाली एक कंपनी ने भी वैश्विक फलक पर अपना परचम लहराया जिसके तमाम धुरंधर क्रिकेटर मुरीद रहे हैं। उसके बल्लों से उन्होंने खूब चौके-छक्के जड़े और क्रिकेट की दुनिया में अपने नाम कई रिकार्ड गढ़ डाले। बात हो रही है सायमंड्स एंड कंपनी की जो इतिहास बन चुकी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चौफटका के पास 1962 में हुई थी सायमंड्स कंपनी की स्थापना

    सायमंड्स कंपनी की स्थापना 1962 में इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में की गई थी। इलाहाबाद-कानपुर मार्ग पर चौफटका के समीप स्थापित कंपनी के मालिकान बनर्जी परिवार थे। कंपनी ने हॉकी स्टिक से लेकर बैंडमिंटन, टेनिस के रैकेट और क्रिकेट के बल्ले बनाना शुरू किया। धीरे-धीरे उसके बल्लों की ख्याति बढ़ती गई व कुछ ही समय के भीतर उसकी हनक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जगत में बन गई। अस्सी के दशक में यह हर दिग्गज क्रिकेटर की हाथ की शोभा बन गया था। हालांकि समय के साथ कंपनी विज्ञापन की प्रतिस्पर्धा में पिछड़ गई और 1989 में बंद हो गई।

    सायमंड्स के बल्ले से खेलकर इन्होंने बनाए थे कई रिकार्ड

    सायमंड्स एंड कंपनी के संस्थापक परिवार के अमित बनर्जी के मुताबिक वेस्ट इंडीज के क्लाइव लॉयड, लैरी गोम्स, रिची रिचर्डसन, गॉर्डन ग्रीनिज, गैरी सोबर्स, गार्डन ग्रीनिज, भारत के कृष्णमचारी श्रीकांत, सुनील गावस्कर, वेंकट पति राजू, कपिल देव, मोहिंदर अमरनाथ, रवि शास्त्री, पाकिस्तानी टीम के कप्तान रहे इमरान खान, रमीज राजा के अलावा आस्टे्रलियाई टीम के पूर्व कप्तान एलन बार्डर व स्टीव वॉ आदि जैसे दिग्गज खिलाड़ी प्रयागराज में बने सायमंड्स के बल्ले से ही खेलते थे। इन्‍होंने रिकार्ड भी बनाए।

    पुरुषोत्तमदास टंडन का हाथ लगते ही संवर उठते थे बल्ले

    सायमंड्स कंपनी के पास कई उम्दा कारीगर थे, जिनके दम पर कंपनी खेल के बाजार में उम्दा प्रदर्शन कर रही थी। इन्हीं में प्रमुख नाम था पुरुषोत्तमदास टंडन का, जिनका हाथ लगते ही बल्ले खिल उठते थे। कुछ दिनों पूर्व उनका निधन हो गया लेकिन उनके द्वारा बनाए गए बल्ले क्रिकेटरों को हमेशा याद रहेंगे। मुट्ठीगंज मुहल्ले के रहने वाले पुरुषोत्तमदास टंडन के बेटे मदनलाल बताते हैं कि उनके पिता क्रिकेट का बल्ला बनाने में सिद्धहस्त थे। क्रिकेट प्रशिक्षक देवेश मिश्र बताते हैं कि वह क्रिकेटरों के मन की बात वे भांप लेते थे और उसी के मुताबिक बल्ला उन्हें बनाकर देते थे। क्रिकेट के बल्ले के अलावा लॉन टेनिस, बैडमिंटन, स्क्वैश जैसे खेलों के लिए रैकेट भी बनाते थे। उनके बनाए बल्ले और रैकेट की मांग दुनिया भर में थी। आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड व न्यूजीलैंड सहित कई देशों में बल्लों का निर्यात किया जाता था।

    बेंत से बनाते थे बल्ले का हैंडल, मजबूत होती थी पकड़

    क्रिकेट प्रशिक्षक परवेज आलम और बीसीसीआइ से मान्य स्कोरर अखिलेश त्रिपाठी बताते हैं कि कंपनी के मालिक बनर्जी परिवार ने सायमंड्स का पूरा काम पुरुषोत्तमदास टंडन जी को सौंपा हुआ था। खेलकूद के सामान बनाने के लिए वे दूसरे प्रदेशों से लकडिय़ां मंगाते थे। बल्ले और रैकेट के लिए कश्मीर से विशेष लकड़ी आती थी। वह बल्ले का हैंडल बेंत से बनाते थे जिससे मजबूती के साथ पकड़ भी अच्छी रहती थी।