Move to Jagran APP

Sujavan Dev Mandir of Prayagraj : ऐतिहासिक धाम में दीपावली पर लगेगा यम द्वितीया मेला, लोक उत्‍सव से होगी शुरूआत

Sujavan Dev Mandir of Prayagraj यमुनापार के घूरपुर स्थित सुजावन देव धाम में दीपावली के अवसर पर प्रसिद्ध यम द्वितीया का मेला भी लगता है। यहां दूर-दूर से लोग आकर भगवान शिव की आराधना करके मनौती मानते हैं। मेले के आयोजन को भीटा घूरपुर में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विमर्श किया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 08:18 AM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 08:18 AM (IST)
प्रयागराज में यमुनापार के घूरपुर स्थित सुजावन देव का ऐतिहासिक मंदिर स्थित है।

प्रयागराज, जेएनएन। यमुनापार के घूरपुर स्थित सुजावन देव का ऐतिहासिक मंदिर स्थित है। ऐतिहासिक और धार्मिक आस्‍था का केंद्र यह धाम और आसपास की वादियां लोगों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करती हैं।  सावन के महीने में यहां एक माह तक आस्‍थावानों की भीड़ भोलेनाथ के पूजन-अर्चन को जुटती है। वहीं यहां भीटा की पहाड़ी बालीवुड को भी आकृष्‍ट करती है। यहां कई फिल्‍मों की शूटिंग भी हो चुकी है।

loksabha election banner

यम द्वितीया मेले की तैयारी पर हुआ विमर्श

सुजावन देव धाम में दीपावली के अवसर पर प्रसिद्ध यम द्वितीया का मेला भी लगता है। यहां दूर-दूर से लोग आकर भगवान शिव की आराधना करके मनौती मानते हैं। इस मेले के आयोजन के लिए भीटा, घूरपुर में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बैठक की। सर्वसम्मति से तय हुआ कि आगामी यम द्वितीया मेले की शुरुआत सुजावन देव लोक उत्सव से होगी। बैठक में मुख्य मंदिर की छत सहित अन्य जर्जर तमीरों को दुरुस्त करने पर भी प्रारंभिक चर्चा हुई।

धार्मिक व पर्यटक स्थल के संरक्षण के लिए सभी से सहयोग का आग्रह

मंदिर के मुख्य पुजारी ज्ञानेंद्र गोस्वामी व यमुनापार विकास समिति के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह को इन मुद्दों के साथ स्थानीय समाज की सामूहिक बैठक करके आगे की योजना बनाने और पहल करने की जिम्मेदारी दी गई। साथ ही अपील की गई कि इस महत्वपूर्ण धार्मिक व पर्यटक स्थल के विकास एवं संरक्षण की जिम्मेदारी के लिए सभी को आगे आना ही होगा। ऐसे में जल्द तिथि तय करके बड़ी बैठक करके इस पुनर्जीवन के कार्यक्रम में सभी के सहयोग से ठोस पहल हो।

प्राचीन मंदिर के अस्तित्‍व को बचाने काे एकजुटता की जरूरत

इस दौरान सुजावन देव के प्राचीन मंदिर के अस्तित्व को बचाने के लिए सभी से एकजुट होने का आग्रह किया गया। धाम के मुख्य टीले व मंदिर को जन सहयोग तथा लोक भागीदारी से बचाने के लिए योजना भी बनाई गई। तय हुआ कि जल्द से एक सार्वजनिक बैठक करके व्यापक पहल होगी। अगली बरसात से पहले सभी सुरक्षात्मक उपाए किया जाना आवश्यक प्रतीत हुआ। वक्ताओं ने कहा कि जन भागीदारी से इस आवश्यक कार्य को करने के लिए सक्षम व जिम्मेदार लोगों को मिलकर भूमिका निभानी होगी। तभी इस धाम का अस्तित्व बना रह सकेगा।

बैठक में समाज शेखर, अरुण राय, प्रयागराज पर्यटन एवं सामाजिक विकास संस्थान के सचिव शरद मिश्र व सुधीर तिवारी आदि शामिल रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.