शौचालय की मरम्मत का खर्च भी उठाएगी सरकार, आपको भी मदद चाहिए तो यहां पढ़ें क्या है प्रक्रिया
डीपीआरओ रवि शंकर द्विवेदी ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन से बनाए गए शौचालयों के जर्जर टैंक आदि की मरम्मत कराई जाएगी ताकि लाभार्थी शौचालय का उपयोग कर सकें। स्वच्छ भारत मिशन की वेबसाइट पर प्रतापगढ़ के 800 लोगों ने शौचालय का लाभ लेने के लिए आनलाइन आवेदन किया है।

प्रयागराज, जेएनएन। स्वच्छ भारत मिशन योजना के अंतर्गत प्रतापगढ़ जनपद में चार लाख से अधिक शौचालय बनाए गए हैं। इसमें से 60 हजार से अधिक ऐसे शौचालय हैं, जिनका निर्माण अधूरा पड़ा है। उसे पूरा कराया जाएगा, जिन शौचालयों का गड्ढा नहीं खोदा गया है। टैंक का निर्माण नहीं हुआ है। शौचालय जर्जर हालत में हैं तो इन सभी कार्य कराने के लिए ढाई हजार रुपये मिलेंगे।
स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत सात वर्ष पूर्व बने शौचालय जर्जर : सात वर्ष पूर्व स्वच्छ भारत मिशन योजना से बनाए गए शौचालय जर्जर हो गए हैं। किसी का दरवाजा टूट गया है तो किसी की छत में दरार आ गई है। पैसे के अभाव में लाभार्थी उसकी मरम्मत नहीं करा पा रहे हैं। ऐसे में वह और उनका परिवार खुले में शौच करने को मजबूर है।
मदद का शासन स्तर से निर्णय : स्वच्छ भारत मिशन की उपयोगिता बनाए रखने के लिए शौचालयों की मरम्मत और रखरखाव की भी जिम्मेदारी उठाए जाने का निर्णय शासन स्तर से लिया गया है। इससे गांवों को साफ-सुथरा बनाए रखने के प्रयास की कड़ी नहीं टूटेगी।
शौचालय मरम्मत के लिए आर्थिक मदद कैसे लें : मदद पाने के लिए लाभार्थियों को पंचायतीराज विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपना नाम, पता, ब्लाक का नाम आदि ब्योरा सबमिट करना होगा। मिशन से यह बजट सीधे ग्राम पंचायत के खाते में भेजा जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन के समन्वयक अतुल मिश्रा, प्रवीण शुक्ला व अवनीश कुमार को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।
डीपीआरओ बोले : डीपीआरओ रवि शंकर द्विवेदी ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन से बनाए गए शौचालयों के जर्जर टैंक आदि की मरम्मत कराई जाएगी ताकि लाभार्थी शौचालय का उपयोग कर सकें।
वेबसाइट पर 800 ने किया आवेदन : स्वच्छ भारत मिशन की वेबसाइट पर 800 लोगों ने शौचालय का लाभ लेने के लिए आनलाइन आवेदन किया है। आवेदन करने वालों का सत्यापन कराया जा रहा है। सीडीओ ईशा प्रिया ने जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के अलावा अन्य अधिकारियों को सत्यापन करने के लिए नामित किया है। सत्यापन के बाद रिपोर्ट पंचायतीराज विभाग के निदेशालय में भेजी जाएगी। इसके बाद शौचालय की किश्त 12 हजार रुपये के हिसाब लाभार्थियों के खाते में भेजी जाएगी।
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