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    एसटीएफ प्रयागराज ने दो लाख रुपये के जाली नोट के साथ फूफा-भतीजा को पकड़ा, बंगाल से लाकर खपाते थे बाजार में

    By rajendra yadavEdited By: Ankur Tripathi
    Updated: Mon, 07 Nov 2022 07:10 PM (IST)

    एसटीएफ ने साेमवार शाम जाली नोट के साथ फूफा भतीजा को गिरफ्तार किया। इनके पास से 195500 रुपये बरामद किए गए। सभी नोट पांच-पांच सौ के थे। पूछताछ में पता चला कि नकली नोटों के अंतर्राष्ट्रीय तस्कर दीपक मंडल के रिश्तेदार से जाली नोट लाए गए थे।

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    एसटीएफ ने साेमवार शाम जाली नोट के साथ इन दो फूफा भतीजा को गिरफ्तार किया।

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। मांडा रोड तिराहे के पास से एसटीएफ ने साेमवार शाम जाली नोट के साथ फूफा, भतीजा को गिरफ्तार किया। इनके पास से 1,95,500 रुपये बरामद किए गए। सभी नोट पांच-पांच सौ के थे। पूछताछ में पता चला कि नकली नोटों के अंतर्राष्ट्रीय तस्कर दीपक मंडल के रिश्तेदार से जाली नोट लाए गए थे।

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    एसटीएफ के सीओ नवेंदु कुमार को जानकारी मिली कि मांडा क्षेत्र में कुछ लोग जाली नोट खपा रहे हैं। जिस पर एसटीएफ की टीम ने दो दिन से वहां डेरा डाल दिया। सोमवार शाम मांडा रोड तिराहे के पास से दो लोगाें को पकड़ा गया। इनके पास से पांच-पांच सौ रुपये के नोट मिले। इसे देखा गया कि पता चला कि नोट जाली हैं।

    हत्या में गिरफ्तार होने पर जेल में तस्करों से हुई मुलाकात

    दोनों को मांडा थाने लाकर एसटीएफ ने पूछताछ की तो अपना नाम उमाशंकर बिंद निवासी हेमपुर, मांडा व रामबाबू बिंद निवासी गोगांव, जिगना, जनपद मीरजापुर बताया। रामबाबू ने कहा कि उमाशंकर उसके फूफा हैं। उमाशंकर ने बताया कि 1996 से वह ट्रक चलाता था। 2016 में गांव में हुए विवाद में मेवालाल बिंद की हत्या हो गई। इसमें उसे आरोपित बनाया गया और फिर पुलिस ने उसे नैनी जेल भेज दिया। जेल में उसकी मुलाकात जाली नोट की तस्करी करने वाले अच्छे लाल चौरसिया, कपूर चंद्र जायसवाल से हुई।

    तस्कर के रिश्तेदार से हो गया याराना और फिर धंधा शुरू

    यहीं पर अंतर्राष्ट्रीय तस्कर दीपक मंडल के रिश्तेदार सुभाष मंडल निवासी जयनपुर, मालदा, पश्चिम बंगाल व बहनोई विश्वजीत सरकार से हुई। कुछ समय बाद सुभाष मंडल जमानत पर छूट गया। अप्रैल 2022 में जमानत पर वह भी जेल से बाहर आ गया। जुलाई माह में पश्चिम बंगाल जाकर सुभाष मंडल से मुलाकात की। 50 हजार रुपये के जाली नोट लिया और यहां लाकर स्थानीय बाजार में खपा दिया। अगस्त में फिर एक लाख रुपये ले आया। भतीजे को 50 हजार रुपये दिया और इसी भी स्थानीय बाजार में खपा दिया गया।

    दो नवंबर को पश्चिम बंगाल जाकर सुभाष से दो लाख रुपये लिए। चार नवंबर को रुपये लेकर यहां आया। रामबाबू को 80 हजार रुपये दिए। बदले में 40 हजार रुपये आनलाइन सुभाष मंडल के खाते में ट्रांसफर करवाया। सीओ नवेंदु कुमार का कहना है कि दो लाख के जाली नोट में 4500 रुपये खपा दिए गए थे। इनके साथ और कौन-कौन शामिल हैं, उनका पता लगाया जा रहा है।

    गांव के विद्यालय में अनुदेशक है रामबाबू

    रामबाबू अपने ही गांव स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में अनुदेशक है। वर्ष 2013 से वह तैनात है। अगस्त में उसके फूफा रामबाबू ने उसे जाली नोट खपाने पर 50 फीसद मुनाफे की बात कही, जिस पर वह लालच में आ गया था।