Prayagraj News: एसआरएन की स्कैन एन्ड शेयर में एम्स को पछाड़ने की तैयारी, एप के जरिए बनाए जाएंगे पर्चे
ओपीडी के लिए पंजीकरण प्रणाली हाईटेक करने की दिशा में स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन) की तैयारी एम्स नई दिल्ली को भी पछाड़ने की है। केंद्रीय समीक्षा में बीते चार जून को देशभर में तीसरे नंबर पर रहे एसआरएन अस्पताल में करीब एक दर्जन आउटसोर्स कर्मचारी लगा दिए गए हैं।

प्रयागराज, जागरण टीम : ओपीडी के लिए पंजीकरण प्रणाली हाईटेक करने की दिशा में स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन) की तैयारी एम्स नई दिल्ली को भी पछाड़ने की है। केंद्रीय समीक्षा में बीते चार जून को देशभर में तीसरे नंबर पर रहे एसआरएन अस्पताल में करीब एक दर्जन आउटसोर्स कर्मचारी लगा दिए गए हैं। जिनका काम फोन पर एप डाउनलोड कराना है। जिन लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं है उनके साधारण फोन पर थंब इंप्रेशन यानी अंगूठे की छाप से ओटीपी भेज कर पर्चा बनाए जाने की व्यवस्था काफी दिनों से चल रही है। अब इसके प्रति लोग स्वयं भी जागरूक हो रहे हैं।
प्रयागराज में स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय मंडल का सबसे बड़ा अस्पताल है । यहां प्रत्येक दिन करीब 3000 से 3500 के बीच नए लोगों के पंजीकरण होते हैं। पंजीकरण ऑफलाइन होने की व्यवस्था अब लगभग खत्म हो चुकी है। ऑनलाइन पंजीकरण हो रहे हैं जिसमें फोन पर आभा और ड्रीफकेस एप के जरिए तीन अंकों के कोड प्राप्त होने पर पर्चे बनाये जा रहे हैं।
छह घण्टे संचालित होता है काउंटर
एसआरएन अस्पताल के पंजीकरण प्रतीक्षालय में आभा और ड्रीफकेस एप डाउनलोड कराने के लिए जो अलग से काउंटर बनाया गया है वह सुबह 8:00 से दोपहर 2:00 बजे तक यानी पूरे छह घंटे संचालित हो रहा है। इसमें एक प्रभारी समेत दर्जनभर आउटसोर्स कर्मचारी लगाए गए हैं जो स्मार्टफोन पर एप डाउनलोड कराने में पारंगत हैं।
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. अजय सक्सेना का कहना है कि अब स्कैन एन्ड शेयर प्रणाली के तहत पर्चे तेजी से बनाने लगे हैं और भविष्य में यही व्यवस्था पूरी तरीके से लागू रहेगी। कहा कि कर्मचारी बढ़ा दिए गए हैं और कोशिश है कि अगली केंद्रीय समीक्षा में एसआरएन अस्पताल एम्स नई दिल्ली के बराबर या उससे भी आगे निकले।
सभी सीएससी में होगा स्कैन एंड शेयर
एबीडीएम यानी आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के डिप्टी नोडल अधिकारी डा. उत्सव सिंह का कहना है कि अभी केवल एक सीएचसी में स्कैन एंड शेयर प्रणाली से पर्चे ऑनलाइन बन रहे हैं। जल्दी ही जिले के सभी सीएचसी में ऐसी व्यवस्था लागू करने की तैयारी चल रही है।
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