Sidhu Moose Wala murder: लारेंस विश्नोई गैंग का प्रयागराज से सामने आया कनेक्शन, हरियाणा एसटीएफ आएगी यहां
लारेंस विश्नोई गिरोह से जुड़े पांच सदस्यों को हरियाणा स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बहादुरगढ़ में गिरफ्तार किया तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। पता चला कि प्रयागराज शहर में रहने वाला एक युवक फर्जी कागज तैयार कर गैंग के सदस्यों को वाहन बेचता था।

प्रयागराज, जेएनएन। हरियाणा के मानसा में चर्चित गायक सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) के कत्ल को अंजाम देने वाले कुख्यात लारेंस विश्नोई गैंग (Lawrence Bishnoi) से अब प्रयागराज का भी कनेक्शन सामने आया है। सोमवार को गिरोह से जुड़े पांच सदस्यों को हरियाणा स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बहादुरगढ़ में गिरफ्तार किया तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। पता चला कि प्रयागराज शहर में रहने वाला एक युवक फर्जी कागज तैयार कर गैंग के सदस्यों को वाहन बेचता था। अब हरियाणा एसटीएफ उसकी तलाश में जुट गई है। एसटीएफ के जल्द यहां आने की बात कही गई है।
प्रयागराज का युवक फर्जी कागजात तैयार कर बेचता था वाहन
सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) को 29 मई को दिन में मानसा स्थित घर से निकलने के बाद गाड़ी घेरकर गोलियों से छलनी कर दिया गया था। पुलिस की जांच में सामने आया कि गैंगस्टर लारेंस विश्नोई के शूटरों ने इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया था। सोमवार को एसटीएफ हरियाणा ने इस गिरोह से जुड़े पांच अपराधियों को बहादुरगढ में पकड़ा। पता चला कि वे लारेंस विश्नोई के लिए हथियार, ड्रग्स और चोरी के वाहन सप्लाई करते थे। इनमें एक चिराग का भाई टीनू भवानी चर्चित मूसेवाला हत्याकांड के मामले में गिरफ्तार हुआ था। गिरोह का सदस्य मनोज बक्करवाला लग्जरी गाड़ियां चुराता था। उसके साथ मेरठ का शिवनाथ उर्फ सोनू प्रधान व प्रयागराज का एक शख्स काम करता था।
चोरी और फिर फर्जी कागजात बनाने का तरीका था ऐसा
मनोज पहले ओएलएक्स पर गाड़ियों की डिटेल चेक करता और फिर एम परिवहन एप से इंजन, चेचिस नंबर प्राप्त करता। इसके बाद चोरी हुई गाड़ी पर उसी इंजन व चेचिस नंबर को पंचिंग करने का काम सोनू प्रधान करता था। सोनू यहां रहने वाले एक युवक के साथ मिलकर उन गाड़ियों का फर्जी कागजात तैयार करवाता और फिर मोटी रकम लेकर विश्नाेई गैंग के सदस्योंं को बेचता था। अधिकारियों का कहना है कि अब सोनू और उसके साथी की गिरफ्तारी होने पर ही पता चलेगा कि चोरी की गाड़ियों का फर्जी कागजात कैसे तैयार होते थे। अगर इसमें आरटीओ के किसी कर्मचारी की मिलीभगत होगी तो उसका भी भंडाफोड़ हो जाएगा।
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