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    ShriKrishna Janambhoomi Case: इलाहाबाद हाई कोर्ट का निर्देश, मथुरा अदालत में दाखिल अर्जी तीन माह में निस्‍तारित करें

    ShriKrishna Janambhoomi Case इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता आदीश अग्रवाल व अधिवक्ता शशांक सिंह ने बहस की। इन अधिवक्‍ताओं का कहना है कि शाही ईदगाह परिसर कि साइंटिफिक रिसर्च व सर्वे कराने की मांग में सिविल जज मथुरा की अदालत में अर्जी दी गई है।

    By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Mon, 18 Jul 2022 12:49 PM (IST)
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    शाही ईदगाह के साइंटिफिक सर्वे की मांग में मथुरा अदालत में दाखिल अर्जी तीन माह में निस्तारित करने का निर्देश।

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा जन्मभूमि मंदिर शाही ईदगाह मस्जिद वाद में महत्‍वपूर्ण निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने विचाराधीन अर्जियों को तीन माह में निर्णीत करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित ने भगवान श्रीकृष्ण विराजमान व अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

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    सिविल जज मथुरा की अदालत में दी गई है अर्जी : इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता आदीश अग्रवाल व अधिवक्ता शशांक सिंह ने बहस की। इन अधिवक्‍ताओं का कहना है कि शाही ईदगाह परिसर की साइंटिफिक रिसर्च व सर्वे कराने की मांग में सिविल जज मथुरा की अदालत में अर्जी दी गई है।

    विपक्षी सुन्‍नी सेंट्रल वक्‍फ बार्ड ने आपत्ति दाखिल की है : विपक्षी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इस पर आपत्ति दाखिल की है। कोर्ट कोई आदेश देने के बजाय लटकाए रखा है। इसलिए 14 अप्रैल 21 को दाखिल अर्जी को तय करने का समादेश जारी करने की मांग की गई थी। इस पर कोर्ट ने अर्जी और आपत्ति का निस्तारण करने का निर्देश दिया है।

    यह भी जानें : श्रीकृष्‍ण जन्‍मभूमि के निकट एक मस्जिद का विवाद है। इसमें दावा किया जाता है कि मस्जिद अभी जहां है वहां पहले मंदिर था। कहा जाता है कि मुगल शासकों ने मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनवाई थी। पिछले कुछ समय से इस बात की मांग होती रही है कि जो विवादित स्‍थान है, जिसे मंदिर बताया जाता है, उसे हिंदुओं को सौंपा जाए। वहां मंदिर बनाने की इजाजत दी जाए।