Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    परिषदीय स्कूलों में बच्चों को जल्द बांटे जाएंगे जूते, प्रयागराज में हरियाणा की फर्म को मिली जिम्‍मेदारी

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Fri, 27 Nov 2020 11:11 AM (IST)

    परिषदीय स्‍कूलों में जूता वितरण के समय स्कूल में विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य व अभिभावक भी मौजूद रहेंगे। रजिस्टर में विद्यार्थी व उनके अभिभावक के भी हस्ताक्षर लिए जाएंगे। इस मौके की फोटोग्राफी भी स्कूल की तरफ से कराकर बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय को भेजी जाएगी।

    Hero Image
    परिषदीय स्‍कूलों में जूता वितरण की जिम्‍मेदारी हरियाणा की फर्म को मिली है।

    प्रयागराज, जेएनएन। शैक्षिक सत्र 2020-21 के लिए सभी परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को निश्शुल्क जूतों का वितरण किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी हरियाणा की फर्म को दी गई है। यह फर्म बच्चों को तीन वर्ग में बांट कर जूतों की सप्लाई करेगी। कक्षा एक, दो व तीन के बच्चों को एक वर्ग व कक्षा चार, पांच व छह को दूसरे वर्ग तथा कक्षा सात और आठ के विद्यार्थियों को तीसरे वर्ग में रखा गया है। वितरण के समय स्कूल में विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य व अभिभावक भी मौजूद रहेंगे। रजिस्टर में विद्यार्थी व उनके अभिभावक के भी हस्ताक्षर लिए जाएंगे। इस मौके की फोटोग्राफी भी स्कूल की तरफ से कराकर बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय को भेजी जाएगी। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जूतों की एक साल रहेगी वारंटी

    स्कूलों में बच्चों को जो जूते बांटे जाएंगे उसकी वारंटी एक साल रहेगी। इस दौरान यदि कोई निर्माण संबंधी गड़बड़ी मिलती है तो उसकी सूचना तुरंत खंड या नगर शिक्षाधिकारी कार्यालय को दी जाए। सूचना के तीन दिन के भीतर आपूर्तिकर्ता फर्म जूतों को संबंधित विद्यालय से लेकर दोबारा सप्लाई करेगी। इस वितरण प्रक्रिया की निगरानी के लिए विभाग की ओर से टीम बनाई जाएगी जो अपनी रिपोर्ट भी देगी। इन जूतों की सप्लाई के दौरान यदि कोई गड़बड़ी जूतों में मिलती है तो उसको भी भली प्रकार से जांच लिया जाए और संबंधित फार्म को सूचना दी जाए जिससे समय के भीतर उन्हें बदला जा सके। 

    स्कूलों के प्रधानाध्यापक रजिस्टर में दर्ज रखेंगे पूरा विवरण

    सभी स्कूलों में जूता वितरण संबंधी विवरण प्रधानाध्यापकों की निगरानी में रखा जाएगा। इसकी प्रति खंड शिक्षाधिकारी को भी दी जाए जिससे निरीक्षण के समय दस्तावेज आसानी से उपलब्ध कराए जा सकें।