Shelter Home scandal: अब खुले में सांस ले सकेगी बेटी, छह साल बाद मिली मुक्ति, सीबीआइ कर रही जांच
देवरिया शेल्टर होम कांड के बाद प्रयागराज स्थित किशोर संरक्षण गृह में आवासित युवती को सोमवार दोपहर उसके ननिहाल भेज दिया गया। उसके माता-पिता नहीं है। वह जब यहां आवासित की गई थी तब उसकी उम्र लगभग 14 वर्ष थी। अब वह बालिग हो गई

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। बहुचर्चित देवरिया शेल्टर होम कांड के बाद प्रयागराज स्थित किशोर संरक्षण गृह में आवासित युवती को सोमवार दोपहर उसके ननिहाल भेज दिया गया। उसके माता-पिता नहीं है। वह जब यहां आवासित की गई थी तब उसकी उम्र लगभग 14 वर्ष थी। अब बालिग होने पर उसे बिहार से आए ननिहाल वालों को सुपुर्द कर दिया गया। यह बेटी अब खुले में सांस ले सकेगी।
एसआइटी के बाद अब सीबीआइ कर रही मामले की जांच
देवरिया के मां विंध्यवासिनी शेल्टर होम की एक किशोरी पांच अगस्त 2018 को भाग कर तत्कालीन एसपी रोहन पी कनय से उनके कार्यालय में मिली और शेल्टर होम में होने वाले शोषण की शिकायत की। इस पर एसपी ने रात में छापेमारी की और रात में ही शेल्टर होम को खाली करा दिया गया। छह अगस्त को सरकार ने स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) गठित की। छह अगस्त को तत्कालीन डीएम सुजीत कुमार हटा दिए गए। उसी दिन संचालिका गिरजा त्रिपाठी, उनके पति मोहन त्रिपाठी को जेल भेजा गया था। फिर गोरखपुर के तत्कालीन एडीजी दावा शेरपा की रिपोर्ट पर शासन ने एसपी रोहन पी कनय और सीओ सिटी दयाराम को हटा दिया था। सात ही सदर कोतवाली के तत्कालीन इंस्पेक्टर विजय सिंह गौर व चौकी प्रभारी रेल जटाशंकर सिंह को निलंबित कर दिया था। बाद में एडीजी की रिपोर्ट पर ही रोहन पी कनय के पहले एसपी रहे डा.राकेश शंकर को शासन ने बर्खास्त कर दिया था। एसआइटी ने इस मामले में संचालिका की बेटी कंचनलता व बेटे प्रदीप समेत 11 लोगों को आरोपित बनाया था और जेल भेजा था। इसके बाद 30 अगस्त 2019 को मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी गई। सीबीआइ ने मामले में आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया है।
देवरिया शेल्टर होम से आई किशोरी बालिग होने पर गई ननिहाल
सुरक्षा के लिहाज से छह अगस्त को देवरिया शेल्टर होम से 23 किशोरियों को प्रयागराज, लखनऊ व बलिया किशोर संरक्षण गृह भेजा गया था। इसमें से ही एक किशोरी अब बालिग हुई तो उसे सोमवार को उसकी मर्जी के मुताबिक उसके ननिहाल के लोगों के हवाले कर दिया गया। किशोरी लगभग छह वर्ष तक संरक्षण में थी। वह अब जीवन के मुख्य धारा में आ सकेगी।

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