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shardiya navratri 2022: मां शैलपुत्री के पूजन को नवरात्र के पहले दिन भोर से ही देवी मंदिरों में लगी कतार

शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन मां आदि शक्ति का पूजन करने के लिए श्रद्धालुओं का सोमवार भोर से ही मंदिरों में पहुंचना शुरू हो गया। घरों में भी कलश स्थापना करके पूजन किया जाने लगा। प्रमुख देवी मंदिरों में खासतौर पर महिलाओं का तांता लगा रहा।

By JagranEdited By: Ankur TripathiPublished: Mon, 26 Sep 2022 10:31 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 10:31 AM (IST)
shardiya navratri 2022: मां शैलपुत्री के पूजन को नवरात्र के पहले दिन भोर से ही देवी मंदिरों में लगी कतार
शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन मां आदि शक्ति के पूजन के लिए भोर से ही मंदिरों में जुटे भक्त

प्रयागराज, जेएनएन। शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन मां आदि शक्ति का पूजन करने के लिए श्रद्धालुओं का सोमवार भोर से ही मंदिरों में पहुंचना शुरू हो गया। घरों में भी कलश स्थापना करके पूजन किया जाने लगा।

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प्रयागराज में प्रमुख देवी मंदिरों में शामिल कल्याणी देवी मंदिर, ललित देवी मंदिर, अलोपशंकरी मंदिर में भक्तों की कतार लगी रही। अन्य देवी मंदिरों में भी श्रद्धालु सुबह से जुटे। खासतौर पर महिलाओं का तांता लगा रहा।

प्रतापगढ़ के बेल्हा देवी धाम में भक्तों का जुटान

उधर, प्रतापगढ़ नगर के मुख्य देवी मंदिर बेल्हा देवी धाम में मुख्य रूप से बड़ा मेला लगा। सोमवार वैसे भी यहां मेले का दिन होता है। उसी में नवरात्र का शुभारंभ सोने पर सुहागा जैसा भक्तों को मिला है। यहां भोर से ही दर्शन-पूजन शुरू हो गया। इसके लिए बड़े पैमाने पर व्यवस्था की गई है लोहे की पाइपों की बैरीकेडिंग मुख्य गेट से लेकर मां के दरबार तक है। सुरक्षा के लिए यहां पर अतिरिक्त पुलिस फोर्स भी लगाई गई है। नदी में पानी बढ़ने के कारण और लोगों को न जाने देने के लिए रास्ते की व्यवस्था की गई है।

महंगाई के बावजूद भक्ती में कमी नहीं

बढ़ती महंगाई के बावजूद लोगों ने मां के पूजन की तैयारी में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। फल और मेवे का दाम काफी बढ़ गया है, लेकिन जयकारे लग रहे हैं। जनपद में करीब 900 पांडाल भी लगाए गए हैं। यहां पर दुर्गा प्रतिमाओं का लाया गया है। मां बाराही देवी धाम रानीगंज, ज्वाला देवी धाम मानिकपुर, संडवा के मां चंडिका धाम समेत दुर्गा मंदिरों में भी नवरात्र में पूजन की धूम है।

देवी दुर्गन धाम, इनहन देवी धाम, मां काली मंदिर, घुइसरनाथधाम आदि मंदिरों में भी पहुंचकर लोग दर्शन-पूजन कर रहे हैं। लोगों ने पहले दिन मां के शैलपुत्री स्वरूप का पूजन किया। इस बार हस्त नक्षत्र में नवरात्र करीब दो दशक के बाद आया। इससे श्रद्धालुओं में उत्साह है। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक कलश स्थापना का मुहूर्त मिल रहा है। पूर्व प्राचार्य ओम प्रकाश पांडेय का कहना है कि सुबह 11:30 से लेकर दोपहर 12:40 तक अभिजीत मुहूर्त का विशेष अवसर भी मिलेगा। इसमें कलश स्थापित करना अधिक लाभकारी होगा।


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