Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Sawan 2022: प्रयागराज में कोटेश्वर महादेव का महात्‍म्‍य श्रीराम से जुड़ा है, भक्‍तों की स्तुति कभी व्यर्थ नहीं जाती

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Sat, 16 Jul 2022 12:10 PM (IST)

    कोटेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी रामेंद्र पुरी कहते हैं कि कोटेश्‍वर महादेव की स्तुति कभी व्यर्थ नहीं जाती। सच्चे हृदय से अनुष्ठान कराने वाले भक्त को दैहिक दैविक व भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। मान्‍यता है कि इस प्राचीन शिव मंदिर की स्‍थापना श्रीराम ने की थी।

    Hero Image
    मान्‍यता है कि प्रयागराज के कोटेश्वर महादेव मंदिर की की स्‍थापना त्रेता युग में प्रभु श्रीराम ने स्वयं की थी।

    प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में गंगा तट पर शिवकुटी मोहल्ले में कोटेश्वर महादेव का प्राचीन शिवालय स्थित है। इस शिवालय में वर्ष पर्यंत दर्शन, पूजन और अभिषेक करने के लिए श्रद्धालु आते हैं। सावन के एक माह और महाशिवरात्रि पर तो यहां सुबह से लेकर रात तक भीड़ जुटती है। कोटेश्वर महादेव शिवालय में सावन में विशेष अनुष्ठान, जनकल्याण के लिए नियमित रूप से अभिषेक होता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मान्‍यता कि श्रीराम ने कोटेश्‍वर महादेव की स्‍थापना की थी : कोटेश्वर महादेव की महिमा निराली है। मान्यता है कि त्रेता युग में प्रभु श्रीराम ने स्वयं कोटेश्वर महादेव की स्थापना की थी। इसके पीछे कथा भी प्रचलित है। हुआ यूं कि रावण का वध करके अयोध्या लौटते समय प्रभु श्रीराम प्रयागराज में महर्षि भरद्वाज का आशीर्वाद लेने आए। तब महर्षि भरद्वाज ने कहा था कि रावण ब्राह्मण था, इसलिए उनके (श्रीराम) के ऊपर ब्रह्महत्या का पाप है। ब्रह्म हत्या का पाप खत्म करने के लिए उन्हें एक करोड़ शिवलिंग बनाकर पूजन करना होगा। श्रीराम ने कहा कि इतने शिवलिंगों का कलियुग में ठीक से पूजन नहीं हो पाएगा। इस पर महर्षि भरद्वाज ने उन्हें कहा कि दोनों हाथों की मुट्ठी में जितने बालू के कण आएं, उससे शिवलिंग बना दें। उसका पूजन करने से एक करोड़ शिवलिंग की स्तुति का फल प्राप्त होगा। फिर श्रीराम ने उसी के अनुरूप शिवलिंग का निर्माण किया।

    सावन में विशेष अनुष्‍ठान : कोटेश्वर महादेव शिवालय में श्रावण मास में विशेष अनुष्ठान होता है। जनकल्याण के लिए नियमित रूप से अभिषेक होता है। श्रावण के सोमवार पर श्रृंगार करके आरती उतारी जाती है। भक्त मनोकामना पूर्ति के लिए अनुष्ठान कराते हैं।

    पुजारी रामेंद्र पुरी कहते हैं- सच्‍चे ह्दय से पूजन करने वाले के कष्‍ट दूर होते हैं : कोटेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी रामेंद्र पुरी कहते हैं कि कोटेश्‍वर महादेव की स्तुति कभी व्यर्थ नहीं जाती। सच्चे हृदय से अनुष्ठान कराने वाले भक्त को दैहिक, दैविक व भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।

    मंदिर प्रबंधक अनिल पुरी बोले- सावन में भक्‍तों की सुविधा का प्रबंध : कोटेश्‍वर महादेव मंदिर के प्रबंधक अनिल पुरी बोले कि सावन मास में कोटेश्वर महादेव का दर्शन, पूजन करने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं। भक्तों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए विशेष प्रबंध किया गया है।