यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा में बरेली के पति-पत्नी ने पाई सफलता
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तरफ से आज घोषित सिविल सर्विसेज के नतीजों ने यूपी को गदगद कर दिया है। इलाहाबाद की सौम्या को चौथा स्थान मिला। बरेली के पति-पत्नी भी सफल रहे।
इलाहाबाद (जेएनएन)। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तरफ से आज घोषित सिविल सर्विसेज के नतीजों ने यूपी को गदगद कर दिया है। इलाहाबाद की बेटी सौम्या पांडेय चौथे स्थान पर रही हैं। बरेली के पति-पत्नी योगेश और अवलोकिता, अलीगढ़ एसएससपी राजेश कुमार पांडेय की बेटी कीर्ति पांडेय समेत प्रदेश के कई मेधावी परीक्षा में सफल रहे। यही नहीं बुंदेलखंड के बांदा से किसान सत्येंद्र यादव के बेटे वरुण यादव का भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चयन हुआ है।
इलाहाबाद की मेधावी सौम्या
इलाहाबाद की सौम्या स्कूली दिनों में ही मेधावी छात्रा रही हैं। उन्होंने सीबीएसई 10वीं व 12वीं की परीक्षा में भी टॉप किया था। हाईस्कूल में उन्हें 98 फीसद अंक मिले थे और इंटर में 97 फीसद। आर्मी पब्लिक स्कूल से हाईस्कूल व इलाहाबाद पब्लिक स्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की थी। मोती लाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज (एमएनएनआइटी) से इलेक्ट्रिकल में बीटेक करने वाली सौम्या को संस्थान का स्वर्ण पदक भी मिल चुका है।
सौम्या सिर्फ पढ़ाई में ही अव्वल हों, ऐसा भी नहीं है। कथक में भी वह अव्वल रही हैं। प्रयाग संगीत समिति द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में सौम्या लगातार तीन बार विजेता रही हैं। उनकी मां साधना पांडेय डॉक्टर हैं जबकि पिता डॉ. आरके पांडेय अपना संस्थान चलाते हैं। सिविल सर्विसेज में कामयाबी का मंत्र क्या है, इस सवाल पर सौम्या ने दैनिक जागरण को बताया कि बस एकाग्र होकर, आत्मविश्वास से अध्ययन करें। नतीजा घोषित होने के बाद उनके शुभचिंतक देर शाम तक आवास पर पहुंचते रहे।
बरेली से पति-पत्नी समेत तीन
बरेली के पति-पत्नी समेत तीन युवाओं ने यूपीएससी में जगह बनाई। बरेली के ग्रीन पार्क निवासी आशीष को मिली 974 रैंक, किला निवासी डॉक्टर योगेश को 233 और उनकी पत्नी डॉक्टर अवलोकिता को 915 रैंक मिली। आशीष का दूसरा और योगेश व अवलोकिता का पहला प्रयास है।
अलीगढ़ एसएसपी की बेटी भी पास
अलीगढ़ एसएसपी राजेश कुमार पांडेय की बेटी कीर्ति पांडेय ने भी यह परीक्षा पास की। कीर्ति ने 426 वीं रैंक हासिल की है। एसएसपी मूल रूप से इलाहाबाद के गांव लालपुर के रहने वाले हैं। बेटी की सफलता पर उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि बेटी ने मेहनत से ये मुकाम हासिल किया है।
बांदा के किसान का बेटा बना प्रशासनिक अधिकारी
किसान सत्येंद्र यादव के बेटे वरुण यादव का भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ है। वरुण को 767वीं रैंक हासिल हुई है। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक, परास्नातक और पीएचडी की है। इसके अलावा उन्होंने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से बीएड किया है। मुख्य परीक्षा में इतिहास रखकर उन्होंने हिंदी मीडिएम से तैयारी की थी।
गोरखपुर के तनय, जूही, सौरभ और ऋषिकेश
गोरखपुर के बरगदवां निवासी वाले उद्योगपति विमल और सरिता सुल्तानिया के बेटे तनय ने इस परीक्षा में 63वीं रैंक हासिल कर आइएएस बनने के अपने सपने को पूरा किया तो चयन सूची में कुशीनगर के भिसवां सरकारी की जूही राय पुत्री गीता राय व अविनाश चंद्र राय ने 155वीं रैंक हासिल कर अपनी मेधा का परचम लहराया। गोरखपुर महानगर के तारामंडल निवासी सौरभ दीक्षित पुत्र वाचस्पति दीक्षित और स्व. शुभा दीक्षित ने 162वीं रैंक प्राप्त कर अपने सपने को पूरा किया। चयन सूची में गोरखपुर-बस्ती मंडल की मेधा का डंका बजाने वालों में गोरखपुर के ऋषिकेश सिंह का भी नाम शामिल है। ऋषिकेश ने 663वीं रैंक हासिल की है।
कानपुर की प्राची को मिली 154वीं रैंक
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम में कानपुर के गीता नगर निवासी वाली प्राची सिंह ने 154वीं रैंक प्राप्त कर शहर का नाम रोशन किया है। प्राची ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा में भी परचम फहराया था, लेकिन बाबा श्रीपान सिंह व नाना राजा सिंह चाहते थे कि उनकी लाड़ली पुलिस कप्तान बने। इससे उनके अंदर आइपीएस बनने की लगन जगी और पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर ली। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी भोपाल से एलएलएम की डिग्री प्राप्त कर चुकीं प्राची ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई की है। सिविल सेवा परीक्षा में पनकी स्थित गणेश शंकर नगर के दिलीप मिश्रा ने 460वीं रैंक प्राप्त की है। आइआइटी प्रवेश परीक्षा व ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट (गेट) में सफलता के झंडे गाड़ चुके एचबीटीयू के पूर्व छात्र रहे दिलीप गेट क्वालीफाई कर उप्र आवास विकास में सहायक अभियंता के पद पर कार्य करने लगे। उनके पिता रमाकांत मिश्रा ग्राम पंचायत अधिकारी व मां मीरा मिश्रा गृहणी हैं।
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