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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ धर्म जागरण से लव जेहाद और धर्मांतरण पर करेगा नियंत्रण

कोरोना काल के चलते ऐसा पहली बार हुआ है कि समीक्षा बैठक राष्ट्रीय स्तर पर न होकर क्षेत्र स्तर पर हो रही है। बैठक में संघ के कार्य की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के साथ स्वदेशी कुटुंब प्रबोधन जैसे सामाजिक सरोकारों पर भी चिंतन प्रस्तावित है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 07:20 AM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 07:20 AM (IST)
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ धर्म जागरण से लव जेहाद और धर्मांतरण पर करेगा नियंत्रण
धर्म जागरण के अभियान में गांव-गांव तक लोगों को जोड़ा जाएगा।

प्रयागराज, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र) की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की दो दिवसीय बैठक में धर्मजागरण से लव जेहाद और धर्मांतरण पर अंकुश की रणनीति बनाई जा सकती है। धर्म जागरण के अभियान में गांव-गांव तक लोगों को जोड़ा जाएगा। राममंदिर की दिव्यता और भव्यता के लिए भी गांव से शहर तक जनजागरण अभियान की रूपरेखा बनाई जाएगी।  

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जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर यमुनापार के गौहनिया स्थित वशिष्ठ वात्सल्य कालेज में संघ के काशी, गोरक्ष, अवध और कानपुर प्रांत के पदाधिकारी आगामी 22 व 23 नवंबर को एकत्रित होंगे। लगभग आठ सत्रों में अलग अलग विषयों पर चर्चा होगी। इसमें 24 से ज्यादा पदाधिकारी हिस्सा लेंगे। सर संघ चालक मोहन भागवत और सर कार्यवाह भैया जी जोशी की उपस्थिति की वजह से आयोजन खास होगा।

बढ़ सकते हैं क्षेत्र और पदाधिकारियों के दायित्व

वर्ष में दो बार होली और दीपावली पर संघ की होने वाली अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक के स्वरूप में बदलाव किया गया है। कोरोना प्रसार के कारण इस बार मार्च में बैठक नहीं हो सकी। संघ से जुड़े सूत्रों के अनुसार, दीपोत्सव के बाद होने वाली बैठक में ही पदाधिकारियों के कार्यक्षेत्र और उनके दायित्व में बदलाव होता है। इस प्रकार के निर्णय भी होने आसार हैं। कुछ बड़े क्षेत्रों को विभाजित कर छोटा करने की भी योजना है। ऐसा होने पर पदाधिकारियों के दायित्वों में भी बदलाव हो सकता है।  

सेवा कार्यों की भी होगी समीक्षा

कोरोना काल के चलते ऐसा पहली बार हुआ है कि समीक्षा बैठक राष्ट्रीय स्तर पर न होकर क्षेत्र स्तर पर हो रही है। बैठक में संघ के कार्य की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के साथ स्वदेशी, कुटुंब प्रबोधन जैसे सामाजिक सरोकारों पर भी चिंतन प्रस्तावित है। कोरोना काल में संघ के सेवाकार्य की समीक्षा के साथ ही आगामी दिनों के लिए कार्ययोजना भी बनाई जा सकती है।  चारों प्रांत काशी, अवध, गोरक्ष और कानपुर के स्वयं सेवक स्टाल लगाकर या फिर रिपोर्ट के माध्यम से कोरोना काल में किए गए कार्यों की प्रस्तुति भी देंगे।  विषय और सत्र अधिकृत रूप से शुक्रवार को तय होंगे। लखनऊ से आ रहे क्षेत्र कार्यवाह रामकुमार यहां मीडिया में एजेंडे को साझा कर सकते हैैं।    

प्रत्येक प्रांत से आएंगे तीन पदाधिकारी

 इस अहम बैठक में काशी, अवध, कानपुर व गोरक्ष प्रांत से तीन-तीन तथा केंद्रीय स्तर से दर्जन भर पदाधिकारियों के आने की उम्मीद है। केंद्रीय पदाधिकारियों में सह सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, डॉ. कृष्ण गोपाल, डॉ. मनमोहन वैद्य, मुकुंद, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुरेश चंद्र, अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख राजकुमार मटाले के आने की उम्मीद है।

चर्चा के संभावित बिंदु

1. राम मंदिर की दिव्यता और भव्यता को लेकर जनजागरण

2. लव जेहाद को लेकर चिंता

3. पर्यावरण संरक्षण

4. आत्मनिर्भर भारत के लिए ग्राम्य विकास

5. गो संरक्षण

6. धर्मांतरण पर अंकुश की रणनीति

7. धर्मजागरण

8. स्वदेशी और कुटुंब प्रबोधन


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