राष्ट्रीय सनातन सेना 12 नवंबर को सद्भावना यात्रा निकालेगी, समाज के लोगों को जागरूक करेंगे
राष्ट्रीय सनातन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज दुबे ने संगठन के पदाधिकारियों से आग्रह किया कि 12 नवंबर की सद्भावना यात्रा में किसी जाति वर्ग के खिलाफ कदापि न माना जाए। इसमें सभी को साथ लेकर अपनी ताकत दिखाएं। प्रत्येक कार्यकर्ता जरूर शामिल हों।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय सनातन सेना ने सनातन धर्मावलंबियों की अनदेखी पर दुख जताया है। इसके पदाधिकारियों ने कहा कि समाज में सनातनी परंपरा को कमजोर करने का कुचक्र रचा जा रहा है। इन सब से निबटने और लोगों को सजग करने के लिए 12 नवंबर को सद्भावना यात्रा निकाली जाएगी। इस यात्रा को सफल बनाने के लिए राष्ट्रीय सनातन सेना के पदाधिकारियों की बैठक प्रयागराज के आरपी पैलेस में हुई।
मुख्य संरक्षक ने कहा- सनातन परंपरा का निर्वहन करना हमारी जिम्मेदारी
बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय सनातन सेना के मुख्य संरक्षक अभय नारायण पांडेय ने किया। उन्होंने कहा कि हम सब की जिम्मेदारी है कि सनातन परंपरा का निर्वहन करें। समाज को समरस बनाएं लेकिन किसी की उपेक्षा न करें। खासकर ब्राह्मण समाज को भी उनका हक और सम्मान दें। देखा जा रहा है कि तमाम सरकारी योजनाओं व अन्य जगहों पर ब्राह्मण समाज की उपेक्षा की जाती है। उन्हें किसी भी तरह के सरकारी लाभ से वंचित रखा जाता है जब कि वह भी आर्थिक तौर पर काफी पिछड़े हुए हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष बोले सद्भावना यात्रा किसी जाति, वर्ग के खिलाफ नहीं है
राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज दुबे ने संगठन के पदाधिकारियों से आग्रह किया कि 12 नवंबर की सद्भावना यात्रा में किसी जाति, वर्ग के खिलाफ कदापि न माना जाए। इसमें सभी को साथ लेकर अपनी ताकत दिखाएं। प्रत्येक कार्यकर्ता जरूर शामिल हों। एक पदाधिकारी के पीछे कम से कम 10 कार्यकर्ता जरूर मौजूद रहें। इस सद्भावना यात्रा के जरिए हिंदू समाज को संगठित करने का भी प्रयास होना चाहिए।
प्रदेश में ब्राह्मण 18 प्रतिशत फिर भी उपेक्षित
बैठक का संचालन कर रहे राष्ट्रीय सनातन सेना के राष्ट्रीय सचिव एवं प्रवक्ता राजेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल क्यों न हो सभी ने ब्राह्मणों की उपेक्षा की है। प्रदेश में 18 प्रतिशत ब्राह्मण हैं। सरकारों के गठन में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहता है। फिर में समाज का यह वर्ग तेजी से पिछड़ रहा है। ऐसी स्थिति में हम सबको एक होना पड़ेगा। तमाम राजनीतिक दलों की ओर से होने वाले ब्राह्मण सम्मेलनों व अन्य झांसों में नहीं आना चाहिए। बैठक में अभय नारायण पांडेय, मनोज दुबे, संतोष पांडेय, सुनील पांडेय, पीके राय, कृष्णानंदपाल, विनायक पांडेय, अरुण पाल, अमित यादव, अवधेश पाल, संजय दत्त पाल, अमित सिंह आदि उपस्थित रहे।
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