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    राष्‍ट्रीय किशोर स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम: बाल शारीरिक शोषण की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान शुरू

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Wed, 15 Dec 2021 02:50 PM (IST)

    जिला कार्यक्रम परामर्शदाता मनु राय ने बताया कि बाल सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत शासन की ओर से प्राप्त दिशा निर्देश के अंतर्गत 10 से 19 वर्ष के लड़के लड़कियों को सुरक्षा स्वास्थ्य की जानकारी देते हुए उन्हें शारीरिक व मानसिक तौर पर सबल बनाने का प्रयास रहेगा।

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    प्रयागराज में बाल सुरक्षा सप्‍ताह राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आज से शुरू हुआ।

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 15 से 20 दिसंबर तक बाल सुरक्षा सप्ताह मनाया जाएगा। आज से इसकी शुरूआत भी हो गई है। इसके तहत विशेषकर बाल शारीरिक शोषण के मामले में स्कूलों और अन्य स्थानों पर जागरूकता शिविर लगाए जाएंगे। इसके अंतर्गत किशोर स्वास्थ्य काउंसलर, फैमिली प्लानिंग काउंसलर द्वारा प्रत्येक ब्लॉक के दो इंटर कालेज में सामुदायिक स्तर पर किशोर स्वास्थ्य मंच का भी आयोजन किया जाएगा।

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    जिला कार्यक्रम परामर्शदाता ने कहा

    जिला कार्यक्रम परामर्शदाता मनु राय ने बताया कि प्रदेश के किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के महाप्रबंधक डा. वेद प्रकाश ने इस संबंध में सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर जागरूकता कार्यक्रमों के लिए निर्देश दिया है। बाल सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत शासन की ओर से प्राप्त दिशा निर्देश के अंतर्गत 10 से 19 वर्ष के लड़के, लड़कियों को सुरक्षा, स्वास्थ्य की जानकारी देते हुए उन्हें शारीरिक व मानसिक तौर पर सबल बनाने का प्रयास रहेगा। ऐसा इसलिए कि बाल यौन शोषण के जोखिमों को कम किया जा सके। इसमें स्कूल जाने वाले या स्कूल न जाने वाले, विवाहित या अविवाहित सभी को शामिल किया जाएगा। इन्हें काउंसिलिंग के दौरान मानसिक स्वास्थ्य, प्रजनन स्वास्थ्य, मातृत्व स्वास्थ्य, माहवारी के बारे में जानकारी दी जाएगी।

    प्रतियोगिताओं के माध्‍यम से भी जागरूक करेंगे

    जिला कार्यक्रम परामर्शदाता ने बताया कि जनपद के स्वास्थ्य उपकेंद्र स्तर पर एएनएम के द्वारा किशोर स्वास्थ्य एवं कल्याण दिवस एवं किशोर मित्रता क्लब का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही विद्यालयों में पोस्टर प्रतियोगिता, समुदाय में पीयर एजुकेटर द्वारा साथिया समूह के साथ तथा छात्र-छात्राओं के साथ विभिन्न मनोरजन गतिविधियों जैसे- क्विज प्रतियोगिता पोस्टर चार्ट, जिंगल मेकिंग प्रतियोगिता आदि आयोजित कर जागरूक किया जाएगा।

    सीएमओ बोले- मां भी है पाठशाला

    मुख्य चिकित्साधिकारी डाक्टर नानक सरन ने कहा कि बच्चों को सही राह दिखाने के लिए मां भी प्राथमिक पाठशाला की तरह है। बेटियों को मां भी शारीरिक शोषण के खिलाफ जागरूक कर सकती हैं। वहीं यौन शोषण के मामले मोबाइल फोन के अधिक इस्तेमाल से बढ़ रहे हैं। इसलिए मोबाइल पर भी बच्चे क्या दुरुपयोग कर रहे हैं। इस पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है।