Swami Vivekananda Jayanti : युवाओं में व्यक्तित्व निखार का शिल्पी है रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम
रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम के माध्यम से स्वामी विवेकानंद के पदचिह्नों पर चलने की युवाओं को प्रेरणा दी जा रही है। यहां युवा सनातन धर्म और परंपरा ध्यान साधना से परिपूर्ण हैं।
प्रयागराज, अमरदीप भट्ट। युवाओं में व्यक्तित्व निखारने को दिव्य ज्योति जलाने वाले स्वामी विवेकानंद के पदचिह्नों पर चलने वालों की बड़ी फौज प्रयागराज में भी है। मुट्ठीगंज स्थित रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम ऐसे युवाओं का 'शिल्पी' है। यहां निरंतर चलने वाले व्यक्तित्व विकास केंद्र में कक्षा नौ से स्नातक तक की शिक्षा ग्रहण करने वाले युवा ज्ञानार्जन कर रहे हैं। यहां से शिक्षा पूरी होने पर उसे जन-जन के बीच प्रवाहित करने का संकल्प दिलाकर ऐसे युवाओं को समाज और राष्ट्र को समर्पित किया जाता है।
सेवाश्रम की स्थापना 1910 में विज्ञानानंद जी ने की थी
प्रयागराज में रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम की स्थापना 1910 में स्वामी विवेकानंद के गुरु भाई विज्ञानानंद जी ने की थी। ऐसा इसलिए, क्योंकि स्वामी विवेकानंद को इस मिशन की स्थापना का स्वप्न प्रयागराज प्रवास के दौरान ही हुआ था। उनके इस स्वप्न को विज्ञानानंद जी ने साकार किया। इस सेवाश्रम में व्यक्तित्व विकास का प्रशिक्षण अहम कार्य है। सेवाश्रम में कंप्यूटर विभाग के सचिव स्वामी करुणानंद बताते हैं कि किसी एक प्रशिक्षित का नाम लेना उचित नहीं हैं, क्योंकि सेवाश्रम की नजर में सभी विद्यार्थी एक समान हैं और उन्हें प्रशिक्षण भी समान भाव से दिया जाता है।
केंद्र से प्रशिक्षित युवा स्वामी विवेकानंद की शिक्षा का कर रहे प्रसार
केंद्र से प्रशिक्षित युवा, स्वामी विवेकानंद के बताए मार्ग पर चल रहे हैं और उनकी दी हुई शिक्षा को आत्मसात कर दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं। कहा कि ध्यान, साधना, सनातन धर्म और परंपरा का अध्ययन, वेदों का ज्ञान, जीवन का सदुपयोग और हर सुख दुख में साथी बनने की शिक्षा इस केंद्र से अहर्निश प्रवाहित हो रही है।