कुंभ नगर, जेएनएन। नवसंवत्सर में रामनवमी से राम मंदिर निर्माण शुरू करने की रणनीति तय हुई है। विहिप की धर्म संसद में मंदिर निर्माण की तिथि का एलान हो जाएगा। वैसे संतों की राय के बाद अंतिम फैसला होगा। वर्ष 2025 तक मंदिर का भव्य निर्माण हो जाएगा। सेक्टर-14 में अशोक सिंहल नगर में शनिवार को विहिप की केंद्रीय मंडल की बैठक में संगठन के विस्तार से लेकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में धर्म संसद पर ज्यादा फोकस किया गया। किस संत का क्या मत हो सकता है, इस पर भी वृहद चर्चा हुई। बैठक में यह आशंका व्यक्त की गई कि धर्म संसद में संत मंदिर निर्माण की तिथि का एलान कर सकते हैं।
औपचारिक बातचीत में मंदिर को लेकर संकेत
ऐसे में यह तय किया गया कि हिन्दू नवसंवत्सर चैत्र मास में रामनवमी की तिथि को मंदिर निर्माण की संभावित तिथि रखी जाए। संत इस पर सहमति व्यक्त करेंगे तो इस दिन से मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा। विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने बैठक के पहले औपचारिक बातचीत में इसको लेकर संकेत दिए। उन्होंने संघ के सर कार्यवाह भैया जी जोशी के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा है कि मंदिर का निर्माण 2025 तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण की तिथि का फैसला संतों पर छोड़ दिया गया है। विहिप की दो दिवसीय बैठक शनिवार को समाप्त हो गई। बैठक में संगठन में आंतरिक फेरबदल भी हुआ। कई पदाधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई। कुंभ के बाद संगठन के विस्तार की भी रणनीति बनी। संगठन का देश और विदेश में और कैसे विस्तार होगा इस पर चर्चा हुई। बैठक में देश-विदेश से आए करीब एक हजार प्रतिनिधि शामिल हुए।