प्रयागराज में करंट के डर से श्रीराम, लक्ष्मण ने हाथी पर सवार होने से मना कर दिया, मान-मनौव्वल के बाद हुए तैयार
प्रयागराज में बारिश के बीच श्रृंगार की चौकी में करंट उतर आया था। रामदल के आकर्षक चौकियों के साथ ही पीछे श्रीराम और लक्ष्मण की हाथी पर भव्य सवारी निकलती है। बारिश के कारण श्रीराम और लक्ष्मण ने हाथी पर चांदी के हौदे पर बैठने से मना कर दिया।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज का दशहरा मेला बुधवार की देर रात संपन्न हो गया। हालांकि, बारिश ने दशहरा मेला में जमकर खलल डाला। आलम यह हो गया था कि बारिश के कारण मार्गों पर बिजली सजावट में करंट आने की भी संभावना थी। ऐसे में श्रीराम और लक्ष्मण ने हाथी पर बैठने से मना कर दिया। बाद में मान-मनौव्वल के बाद वे राजी हुए तो रामदल निकला। पुराने शहर के विभिन्न मार्गों से चौकियों के साथ रामदल की शोभा निराली थी। दशहरा मेला में शामिल लोगों ने रामदल का भव्य स्वागत किया।
शारदीय नवरात्र की अष्टमी तक मौसम साफ था : उल्लेखनीय है कि प्रयागराज में शारदीय नवरात्र की षष्ठी तिथि से रामदल निकलने का क्रम शुरू हो गया था। षष्ठी के दिन सिविल लाइंस का रामदल भव्यता से निकला। सप्तमी तिथि पर मधवापुर बैरहना का रामदल और दारागंज का हनुमान दल के साथ श्रीराम महात्म्य से जुड़ी दर्जनों चौकियां निकाली गईं। अष्टमी के दिन कटरा का रामदल में हजारों की भीड़ शामिल हुई।
पजावा, पथरचट्टी रामदल में बारिश बनी व्यवधान : नवमी के दिन यानी सोमवार 4 अक्टूबर को पुराने शहर में पजावा का रामदल निकला। इसी दिन बदले मौसम ने परेशानी उत्पन्न की। बारिश के कारण पजावा का रामदल फीका रहा। किसी तरह चौकियां निकाली गईं। उसके बाद विजयदशमी यानी बुधवार 5 अक्टूबर को ऐतिहासिक पथरचट्टी के साथ पजावा का रामदल निकला। इस दिन भी बारिश से मेला में व्यवधान हुआ। दिन के साथ ही रात में भी रुक-रुक कर हुई बारिश के कारण रामदल निकलने में आयोजकों को कुछ परेशानी हुई।
श्रृंगार चौकी में करंट उतरा था : बारिश के बीच बुधवार की सुबह पुराने शहर में निकली श्रृंगार की चौकी में करंट उतर आया था। रामदल के आकर्षक चौकियों के साथ ही पीछे श्रीराम और लक्ष्मण की हाथी पर भव्य सवारी निकलती है। वहीं, रात में बारिश के कारण श्रीराम और लक्ष्मण ने हाथी पर चांदी के हौदे पर बैठने से मना कर दिया। ऐसा इसलिए, क्योंकि ऊपर से बिजली का तार और सजावट से करंट लगने की संभावना थी। बाद में आयोजकों के भरोसा दिलाने पर वे हौदे पर सवार हुए।
मेला क्षेत्र में कीचड़ और फिसलन : बारिश के कारण दशहरा मेला के रास्तों पर जलभराव के साथ ही कीचड़ और फिसलन भी हो गई थी। ऐसे में मेला में आए लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। हालांकि, आस्था के आगे खराब मौसम का उन पर असर नहीं पड़ा।
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