हिदू समाज के मानबिदुओं व स्वाभिमान की रक्षा बजरंगदल का उद्देश्य
विहिप की तरफ से राम जानकी रथ यात्रा 1984 में निकाली गई। उसकी रक्षा के लिए संतों ने टोली बनाई थी। वही टोली बजरंगदल के रूप में स्थापित हुई। इस संगठन ने श्रीराम मंदिर आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। यह विचार माघ मेला में लगे विहिप के शिविर में बजरंग दल के दो दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नीरज ने व्यक्त किए।

प्रयागराज : विहिप की तरफ से राम जानकी रथ यात्रा 1984 में निकाली गई। उसकी रक्षा के लिए संतों ने टोली बनाई थी। वही टोली बजरंगदल के रूप में स्थापित हुई। इस संगठन ने श्रीराम मंदिर आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। यह विचार माघ मेला में लगे विहिप के शिविर में बजरंग दल के दो दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नीरज ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि हिदू समाज के मानबिदुओं व स्वाभिमान की रक्षा बजरंगदल का उद्देश्य है। संगठन के सभी पदाधिकारियों को चाहिए कि वह समाज की सेवा, सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ लोगों में संस्कार जगाएं। ऐसा करने से राष्ट्र और संस्कृति का उत्थान होगा। यदि हम सब संगठन के स्वरूप को बढ़ाएंगे तो लव जिहाद व मतांतरण जैसी समस्याओं का भी समाधान कर पाएंगे। आज यह बड़ी समस्या के रूप में उभर रही है। नई पीढ़ी को इससे निपटना होगा। संगठित होकर ही इस कुचक्र से निकल पाएंगे। संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने याद दिलाया कि 1996 में अमरनाथ यात्रा को लेकर जब विवाद हुआ तो देशभर से 50 हजार बजरंगदल के कार्यकर्ता उस यात्रा में शामिल हुए। उसके बाद लगातार अमरनाथ यात्रा चल रही है। गोधरा कांड के समय भी बजरंगदल ने त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रम चलाया उसका नजीता हुआ की समाज संगठित हुआ। प्रकरण के दोषियों पर कार्रवाई हुई। इस मौके पर प्रांत के पालक महेश प्रताप, संयोजक सत्यप्रताप, मकेश रावत, अविनाश, विवेक जायसवाल, अमित सिंह, दुर्गेश शुक्ला, पवन आदि मौजूद रहे। संगठन के प्रवक्ता अश्वनी मिश्र ने बताया कि इस सम्मेलन में प्रांत के 320 पदाधिकारी शामिल हुए। रविवार को मेला क्षेत्र में जागरण यात्रा निकाली जाएगी।

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