Prayagraj News: धनतेरस पर जमकर हुई प्रापर्टी की रजिस्ट्री, स्टांप व कोर्ट फीस से सरकार का भी बढ़ा खजाना
पिछले दो वर्षों में कोरोना वायरस संक्रमण की लहर के कारण धनतेरस के अवसर पर रजिस्ट्री कराने वालों की संख्या घट गई थी। इस बार दीपावली त्योहार पर रौनक लौटी तो उसका असर प्रापर्टी खरीद में देखने को मिला। पहले से तारीखें तय थी शुभ मुहूर्त भी निकाले गए थे।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। धनतेरस के दिन बाजारों में तो जमकर खरीदारी हुई ही, रजिस्ट्री कराने वाले भी कम नहीं थे। उप निबंधक कार्यालय में शनिवार की सुबह 10 बजे से देर शाम तक भीड़ जुटी रही। प्रयागराज जिले के शहरी क्षेत्र के सहायक निबंधक कार्यालय एक में 40 व दो में 36 लोगों ने रजिस्ट्री कराई। औसतन महिलाओं के नाम अधिक संख्या में रजिस्ट्री हुई।
प्रापर्टी खरीद के लिए जमकर हुई रजिस्ट्री : उल्लेखनीय है कि पिछले दो वर्षों में कोरोना वायरस संक्रमण की लहर के कारण धनतेरस के अवसर पर रजिस्ट्री कराने वालों की संख्या घट गई थी। इस बार दीपावली त्योहार पर रौनक लौटी तो उसका असर प्रापर्टी खरीद में देखने को मिला। पहले से तारीखें तय थी, शुभ मुहूर्त भी निकाले गए थे। अधिवक्ता द्वारा स्टांप पर लिखापढ़ी और हस्ताक्षर की कार्रवाई भी पूरी कर ली गई थी। केवल रजिस्ट्रार के सामने जाकर कागजी प्रक्रिया पूरी करने और धनतेरस पर प्रापर्टी अर्जित की गई।
क्या आप जानते हैं कि क्याें ज्यादा हुई रजिस्ट्री : प्रयागराज में इस वर्ष का बढ़ा सर्किल रेट अब तक लागू नहीं हो सका है। उम्मीद है कि साल के अंत तक इसे लागू कर दिया जाएगा। ऐसे में यह भी एक बड़ा कारण है कि रजिस्ट्रियां अधिक हो रही हैं। धनतेरस का विशेष मौका होने के कारण शनिवार को सैकड़ों लोगों ने रजिस्ट्री कराई। कोर्ट फीस और स्टांप के जरिए सरकार का भी खजाना खूब बढ़ा।
धनतेरस पर एक हजार करोड़ की खरीदारी : इस बार धनतेरस पर व्यापारियों की चांदी रही। लक्ष्मी इस कदर मेहरबान रहीं कि शोरूम से लेकर छोटी दुकानों में खरीदारी के लिए लोग उमड़ पड़े। शाम होते-होते बाजार में पैर रखने की जगह तक नहीं बची। वाहन, सराफा, इलेक्ट्रानिक्स की दुकानों पर लोगों का तांता लगा रहा। देर रात तक खरीदारी के लिए लोग दुकानों पर जमे रहे। इस दौरान 200 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ। इसमें वाहन, सराफा और बर्तन बाजार में सबसे अधिक रौनक रही। चांदी के गणेश लक्ष्मी, तो किसी ने खरीदा ज्वैलरीधनतेरस पर सराफा बाजार भी खूब दमका। यही वजह रही कि चांदी के सिक्कों के साथ लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाएं भी खूब खरीदीं।
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