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प्रयागराज के 'भगीरथ' प्रो. दीनानाथ शुक्ल का निधन, गंगा की निर्मलता को सदैव प्रयासरत रहे

इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर दीनानाथ शुक्ल दीन का शनिवार को निधन हो गया। वह 39 वर्ष से लगातार भगवती गंगा को बचाने की कवायद कर रहे थे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 12 Sep 2020 03:52 PM (IST)Updated: Sat, 12 Sep 2020 03:52 PM (IST)
प्रयागराज के 'भगीरथ' प्रो. दीनानाथ शुक्ल का निधन, गंगा की निर्मलता को सदैव प्रयासरत रहे

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज के एक भगीरथ का निधन हो गया है। वह हैं प्रोफेसर दीनानाथ शुक्‍ल 'दीन'। गंगा की निर्मलता और अविरल बनाए रखने में प्रयागराज के इस युग पुरुष का नाम अव्‍वल था। उन्‍होंने पिछले कई दशकों से गंगा जल की शुद्धता के लिए अभियान चला रखा था। चाहे प्रयागराज का कुंभ मेला हो या फिर हर वर्ष आयोजित होने वाला माघमेला हो, दीनानाथ शुक्‍ल के गंगा की निर्मलता को बनाए रखने वाले स्‍लोगन से इनका दूर-दूर तक नाम था।    

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विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर दीनानाथ

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर दीनानाथ शुक्ल 'दीन' का शनिवार को निधन हो गया। वह पिछले 39 वर्ष से लगातार भगवती गंगा को बचाने की कवायद में जुटे थे। प्रो. शुक्ल मूलरूप से प्रयागराज जनपद के होलागढ़ थाना के हंसराजपुर के रहने वाले थे। उनके निधन से यूनिवर्सिटी परिवार के साथ ही हजारों की संख्‍या में लोग शोकाकुल हो गए।

माघ मेला व कुंभ मेला में आने वाले लोगों को ऐसे करते थे जागरूक

दीनानाथ शुक्‍ल का शहर ही नहीं देश, विदेश में भी नाम था। सुरसरि की अविरलता और निर्मलता के लिए इनके प्रयास काफी सराहे गए। माघ मेला या कुंभ मेला में दूर-दूर से आने वाले लोगों को गंगा की अवरलता के प्रति जागरूक करने के लिए दीनानाथ शुक्‍ल वॉल पेंटिंग कराते थे। उनके द्वारा लिखवाए गए दीवारों पर श्लोक व नारे को लोग एक बार अवश्‍य पढ़ते थे।


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