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    प्रतापगढ़ में इन उद्यमियों की समस्या तो छोटी पर परेशानी है बड़ी, वादे हुए कागजी

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Wed, 16 Sep 2020 04:28 PM (IST)

    प्रतापगढ़ में उद्यमियों का जरा से काम के लिए पूरा दिन बर्बाद हो जाता है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए उद्यमी औद्योगिक क्षेत्र को वितरण खंड प्रथम से जोडऩे की मांग कर रहे हैं।

    प्रतापगढ़ में इन उद्यमियों की समस्या तो छोटी पर परेशानी है बड़ी, वादे हुए कागजी

    प्रतापगढ़, जेएनएन। कई अफसर आए और गए यानी उनका ट्रांसफर हो गया लेकिन हुआ कुछ नहीं। जिला उद्योग बंधु की बैठक में कई बार मुद्दा भी उठा, लेकिन उद्यमियों की समस्याओं को अनसुना कर दिया। दो साल से जिला उद्योग बंधु की बैठक में उठाए जा रहे औद्योगिक क्षेत्र सुखपाल नगर को भुपियामऊ से संबद्ध किए जाने के मुद्दे को अभी तक निस्तारित नहीं किया गया। उद्यमियों को रानीगंज का चक्कर लगाना होता है। इसे लेकर उद्यमियों में जिला प्रशासन के प्रति रोष है। हर बैठक में इसे वह जोर-शोर से उठाते हैं।  

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    उद्यमियों को मामूली काम के लिए भी काफी दूर जाना पड़ता है

    औद्योगिक क्षेत्र सुखपाल नगर शहर से करीब आठ किमी की दूरी पर है। औद्योगिक क्षेत्र के कार्यरत इकाइयों के संचालकों यानी उद्यमियों को बिल व बिजली संबंधी कामकाज कराने के लिए रानीगंज जाना होता है। औद्योगिक क्षेत्र रानीगंज डिवीजन में आता है, जबकि क्षेत्र शहर से सटा है। अधिकांश उद्यमी नगर क्षेत्र में ही रहते हैं। ऐसे में विद्युत वितरण खंड प्रथम उनके लिए आसान है। डिवीजन रानीगंज होने की वजह से उद्यमियों को मामूली काम व बिजली बिल जमा करने के लिए काफी दूर जाना होता है।

    समस्या जस की तस बनी हुई है

    उद्यमियों का जरा से काम के लिए पूरा दिन बर्बाद हो जाता है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए उद्यमी औद्योगिक क्षेत्र को वितरण खंड प्रथम से जोडऩे की मांग कर रहे हैं। उद्यमी अनुराग खंडेलवाल, चंद्रप्रकाश शुक्ला, मोहम्मद अनाम आदि का कहना है कि इस समस्या से निजात पाने के लिए सालों से मांग उठ रही है।  जिला उद्योग बंधु की हर बैठक में यह मांग उठती है, लेकिन इसका अभी तक निस्तारण नहीं हो पा रहा है। समस्या जस की तस बनी हुई है।

    उद्योग उपायुक्त ने ऐसा कहा

    उपायुक्त उद्योग दिनेश कुमार चौरसिया ने बताया कि उद्यमियों की मांग पर डीएम के निर्देश पर प्रस्ताव विद्युत विभाग द्वारा शासन में भेजा गया है। वहां से अनुमोदन होने के बाद ही संभव हो पाएगा।