Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रधानाचार्य की दक्षता और कल्पनाशक्ति पर निर्भर स्कूलों की सफलता, प्रयागराज में प्रधानाचार्यों का सम्मेलन

    By Ankur TripathiEdited By:
    Updated: Sun, 01 May 2022 06:25 PM (IST)

    विद्यालय की सफलता प्रधानाचार्य की दक्षता कल्पनाशक्ति और उसके गुणों पर निर्भर करती है। यह विचार क्षेत्रीय संगठन मंत्री हेमचंद्र ने व्यक्त किए। वह ज्वाल ...और पढ़ें

    Hero Image
    ज्वाला देवी स्कूल में प्रधानाचार्यों का सम्मेलन आयोजित किया गया

    प्रयागराज, प्रयागराज। विद्यालय में प्रधानाचार्य की वही भूमिका होती है जो सेना में सेनापति की। वह विद्यालय के कार्यक्रमों की योजना बनाता है तथा उन योजनाओं को क्रियान्वित करता है। शिक्षकों और कर्मचारियों के बीच कार्य का विभाजन भी करता है। विद्यालय की सफलता प्रधानाचार्य की दक्षता, कल्पनाशक्ति और उसके गुणों पर निर्भर करती है। यह विचार क्षेत्रीय संगठन मंत्री हेमचंद्र ने व्यक्त किए। वह ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में आयोजित विद्याभारती के स्कूलों के प्रधानाचार्यों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रधानाचार्यों के व्यक्तित्व एवं आदर्शों की छाप विद्यालय के प्रत्येक कार्य पर

    हेमंचद्र ने कहा कहा कि प्रधानाचार्यों के व्यक्तित्व एवं आदर्शों की छाप विद्यालय के प्रत्येक कार्य पर पड़ती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भारतीय शिक्षा समिति के क्षेत्रीय सह मंत्री चिंतामणि सिंह ने कहा कि योजनाओं के सतत कियान्वयन के लिए इस प्रांतीय बैठक का आयोजन किया गया। यहां शिक्षाविदों ने जो भी विमर्श किया है उसे मूर्त रूप देना होगा। विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय शिशु वाटिका प्रमुख विजय उपाध्याय रहे। उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य दो प्रकार के होते हैं। स्वकेंद्रित व प्रजातांत्रिक। आज प्रजातांत्रिक प्रधानाचार्यों की आवश्यकता है।

    बेहतर कार्य करने वाले प्रधानाचार्यों का किया गया सम्मान

    इस मौके पर विभिन्न विद्यालयों के उन प्रधानाचार्यों को सम्मानित किया गया जिन्होंने राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय स्तर पर विशिष्ट उपलब्धियां प्राप्त की हैं। कार्यक्रम में विक्रम बहादुर सिंह परिहार, रामजी सिंह, गोपाल तिवारी, दयाराम यादव, जगदीश सिंह आदि मौजूद रहे।