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    Prayagraj News: बिरला हाउल आनन्द कानन में हुए 21 हिरणों की मौत मामले में तीन गिरफ्तार, एक की तलाश जारी

    By Jagran NewsEdited By: Ritu Shaw
    Updated: Fri, 30 Dec 2022 09:19 AM (IST)

    प्रयागराज के बिरला हाउस आनन्द कानन में हुए 21 हिरणों के मामले में एक एक कर प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही है। जांच में वन्य कर्मियों की लापरवाही सामने आई है। इसमें से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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    Prayagraj News: बिरला हाउल आनन्द कानन में हुए 21 हिरणों की मौत मामले में तीन गिरफ्तार, एक की तलाश जारी

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज: बिरला हाउसा आनन्द कानन में कुत्तों के हमले से 21 हिरणों की मौत मामले में वन विभाग ने चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गुरुवार को तीन लोगों को जेल भेज दिया। जबकि एक अन्य आरोपित की तलाश अब भी जारी है। विभागीय जांच में इन सभी पर सुरक्षा में लापरवाही का आरोप है। जांच अभी चल रही है। रिपोर्ट के आधार पर कुछ और कर्मचारियों पर कार्रवाई हो सकती है।

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    गुरुवार से जिला प्रशासन और पुलिस की टीम ने भी जांच शुरू कर दी है। बिरला हाउस में पाले गए 21 हिरणों की देखरेख की जिम्मेदारी यूनिवर्सल केबिल कंपनी लिमिटेड की थी। कंपनी ने देखरेख के लिए 14 कर्मचारियों को वहां पर तैनात कर रखा था। आठ-आठ घंटे की शिफ्ट में यह कर्मचारी काम कर रहे थे। एक शिफ्ट में चार कर्मचारी रहते थे, जबकि दो कर्मचारी सुपरवाइजर का काम करते थे।

    सोमवार की रात कुत्तों के हमले के समय सुरक्षा नदारद थी। हमले में सभी 21 हिरणों की मौत हो गई। मामले में बिरला हाउस के मैनेजर अशोक कुमार डांगर, सुपरवाइजर अवधेश कुमार, सुरक्षा गार्ड जंग बहादुर और लाल चंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। प्रभागीय निदेशक महावीर कौजलगी इस मामले की जांच खुद कर रहे हैं।

    गुरुवार को उन्होंने हिरणों की देखरेख में लगे सभी कर्मचारियों को बुलाकर पूछताछ की। बिरला हाउस के मैनेजर अशोक कुमार डांगर नहीं आ सके, वह सतना में रहते हैं। डीएफओ ने बताया कि ड्यूटी पर रहने वाले कर्मचारियों की लापरवाही है। इसलिए चारों लोगों पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत कार्रवाई की गई है। बिरला हाउस के मैनेजर नहीं मिले। जबकि तीन अन्य को गिरफ्तार कर वन कर्मियों को कोर्ट में पेश किया गया। जज ने तीनों को जेल भेज दिया।

    पहले भी हिरणों पर हमला कर चुके थे आवारा कुत्ते

    बिरला हाउस के आनन्द कानन में पाले गए हिरणों पर आवारा कुत्ते पहले भी हमला कर चुके थे। हर बार वहां के सुरक्षा कर्मियों ने आवारा कुत्तों को भगाकर हिरणों की जान बचाई थी। सोमवार की रात सुरक्षा में चूक हुई और आवारा कुत्तों ने हिरणों का शिकार कर लिया। अब उनकी सुरक्षा में हुई चूक की समीक्षा हो रही है।

    सुरक्षा में लगी एजेंसी के अलावा वन विभाग की भी लापरवाही सामने आ रही है। कहा जा रहा है कि हिरण पालने की अनुमति देने के बाद विभाग के अफसर उधर जाते ही नहीं थे। गंगा किनारे छतनाग स्थित आनन्द कानन बिरला गेस्ट हाउस में 30 साल से रह रहे 20 चीतल और एक चिंकारा प्रजाति के हिरणों पर सोमवार की देर रात आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया था। इससे सभी की मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद हिरणों का वहीं पर दाह संस्कार कर दिया गया है। इनका दाह संस्कार इसलिए किया जाता है कि उनकी सींग, हड्डी, खाल आदि की तस्करी न हो।

    परत दर परत बाहर आ रही लापरवाही

    गुरुवार को आनन्द कानन में सन्नाटा पसरा रहा। जहां पर हिरण दिनभर उछल कूद करते थे, अब वहीं उनकी कब्रगाह बन गई है। हिरणों की देखरेख की जिम्मेदारी यूनिवर्सल केबिल कंपनी लिमिटेड पर थी। घटना के बाद सुरक्षा की खामियां अब परत दर परत बाहर आ रही हैं। जांच में पता चला कि आनन्द कानन में पहले भी कई बार आवारा कुत्ते हमला कर चुके थे। इसका एक किनारा गंगा नदी की तरफ है। उधर लगाई गई लोहे की जाली जर्जर हो गई है। उसी जाली से कुत्ते आनन्द कानन में घुस जाया करते थे।

    कुत्ते आते और गार्ड उन्हें भगा देते, यह क्रम चलता रहता था लेकिन बिरला हाउस प्रशासन ने जाली की मरम्मत कराना जरूरी नहीं समझा। इसी लापरवाही के चलते बड़ी घटना हो गई। जुलाई में पैदा हुए थे तीन बच्चे 1988 में जब बिरला हाउस को हिरण पालन की अनुमति मिली थी तो उस समय उनकी संख्या छह थी। फिर यहां पर हिरणों की संख्या बढ़ती रही। बिरला हाउस को केवल हिरण पालने, उनके प्रजनन और देखभाल की अनुमति थी।

    वह इन हिरणों को बेच नहीं सकते थे। यहां पर हिरणों की संख्या छह से बढ़कर 21 हो गई। जुलाई में तीन बच्चों का जन्म हुआ था। बिरला हाउस की ओर से हिरणों के प्रजनन या मृत होने की जानकारी वन विभाग को दी जाती रही। लेकिन वन विभाग के कोई अधिकारी उसका निरीक्षण करने नहीं जाते थे।