Atique Ahmed Case: चालीसवें पर फूल-चिराग को तरसी अतीक-अशरफ की कब्र, शाइस्ता-जैनब के इंतजार में तैनात रही पुलिस
इस्लाम धर्म में किसी की मौत के बाद चालीसवां कर्म किया जाता है इसमें कब्र पर चिराग जलाकर फूल और चादर चढ़ाने के बाद फातिहा पढ़ा जाता है। साथ ही घर पर गरीबों को भोजन कराया जाता है। माफिया अतीक अहमद और अशरफ का चालीसवां गुरुवार को था।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता: पुलिस कस्टडी में मारे गए माफिया अतीक अहमद और अशरफ के चालीसवां पर रात तक कोई रिश्तेदार कब्र पर फूल चढ़ाने नहीं आया, न तो किसी ने चिराग जलाया। पुलिस को आशंका थी कि इन दोनों की फरार पत्नियां शाइस्ता परवीन और जैनब फातिमा इस अवसर पर चकिया पहुंच सकती हैं, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पुलिस और खुफिया विभाग के लोग सादे कपड़ों में सक्रिय रहे, रात हो गई मगर न तो अतीक का कोई रिश्तेदार पहुंचा और न कोई करीबी।
दरअसल, इस्लाम धर्म में किसी की मौत के बाद चालीसवां कर्म किया जाता है, इसमें कब्र पर चिराग जलाकर फूल और चादर चढ़ाने के बाद फातिहा पढ़ा जाता है। साथ ही घर पर गरीबों को भोजन कराया जाता है। माफिया अतीक अहमद और अशरफ का चालीसवां गुरुवार को था।
इस अवसर पर दोनों की फरार बीवियों तथा करीबी रिश्तेदारों के कसारी मसारी कब्रिस्तान पहुंचने की संभावना के मद्देनजर पुलिस भी अलर्ट थी। इलाके में सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों को सक्रिय किया गया था, जिस चकिया को अतीक को गढ़ कहा जाता रहा है, उसके चालीसवां पर कोई व्यक्ति कब्र पर एक फूल डालने नहीं पहुंचा।
सुबह से रात हो गई लेकिन शाइस्ता और जैनब सहित कोई भी करीबी कब्रिस्तान पर नहीं गया। अतीक के ससुराल वालों समेत सभी रिश्तेदार तो पुलिस के डर से भागे हुए हैं। अतीक के करीबियों में शामिल चार बार पार्षद रहे आजम ने बताया कि रात तक कोई भी रिश्तेदार कब्रिस्तान नहीं आया।
बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड में नामजद आरोपित अतीक अहमद और अशरफ को धूमनगंज पुलिस ने कस्टडी रिमांड पर लिया था, जिनकी 15 अप्रैल की रात 10.30 बजे काल्विन अस्पताल परिसर में तीन शूटरों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी थी।