यह भी गजब बात, प्रयागराज में बन रहा फाफामऊ सिक्सलेन पुल, एप्रोच रोड में 20 लाख टन राख का होगा इस्तेमाल
म्योराबाद से फाफामऊ के मलाक हरहर तक बनने वाले 9.9 किलोमीटर एक्स्ट्रा डोज सिक्सलेन पुल के एप्रोच रोड की भराई करने में मिट्टी के बजाय पावर प्लांट की राख का प्रयोग होगा। लगभग 20 लाख टन कोयले की राख का उपयोग मिट्टी के विकल्प के तौर पर किया जाएगा।

वीरेंद्र द्विवेदी, प्रयागराज। पावर प्लांट से निकलने वाली कोयले की राख सड़क, फ्लाईओवर और आरओबी के निर्माण में अब मददगार होगी। इसके प्रयोग से पर्यावरण सुरक्षा के साथ मृदा संरक्षण में भी लाभ मिलेगा। शहर के म्योराबाद से फाफामऊ के मलाक हरहर तक बनने वाले 9.9 किलोमीटर एक्स्ट्रा डोज सिक्सलेन पुल के एप्रोच रोड की भराई करने में मिट्टी के बजाय पावर प्लांट की राख का प्रयोग होगा। लगभग 20 लाख टन कोयले की राख का उपयोग किया जाएगा। यह राख मिट्टी के विकल्प के रूप में प्रयोग की जाएगी।
ऊंचाहार, मेजा और विंध्याचल के पावर प्लांट से आएगी फ्लाईऐश
म्योराबाद से मलाक हरहर तक बन रहे पुल में पांच किलोमीटर से अधिक दूरी तक एप्रोच रोड बनाई जाएगी। इसमें साढ़े चार किलोमीटर एंवेंकमेंट की भराई में कोयले की राख का प्रयोग होगा। पांच किलोमीटर एप्रोच रोड को तैयार करने में 20 लाख टन राख का प्रयोग किया जाएगा। भराई के लिए ऊंचाहार, मेजा और विंध्याचल स्थित पावर प्लांट से कोयले की राख को मंगाया जा रहा है। सिक्स लेन पुल का निर्माण 16 फरवरी 2021 से शुरू हो गया था। पुल का निर्माण 1947 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है।
यह है नंबर गेम
- 9.9 किलोमीटर लंबा होगा सिक्स लेन पुल
- 3.86 किलोमीटर गंगा पर पुल की लंबाई
- 5.23 किलोमीटर एप्रोच रोड बनेगी
- 67 पिलर का निर्माण होगा
- 64 मीटर पुल में फ्लाई ओवर भी होंगे शामिल
-तीन साल में पुल के निर्माण पूरा करने का है लक्ष्य
- 1947 करोड़ रुपये से अधिक होगा खर्च
प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने जो बताया
फाफामऊ सिक्सलेन पुल का एप्रोच रोड तैयार करने में राख का प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए 20 लाख टन राख ऊंचाहार, मेजा और विंध्याचल के पावर प्लांट से मंगाई जाएगी।
मो.नुसरतुल्लाह खान, परियोजना निदेशक, सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।