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    Prayagraj Commissioner विजय विश्‍वास पंत होंगे, महाकुंभ 2025 की तैयारी को देंगे गति

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Sat, 30 Jul 2022 12:05 PM (IST)

    विजय विश्वास पंत जनवरी 2018 में कानपुर के जिलाधिकारी बनाए गए थे। उस समय प्रदूषण से मुक्ति के साथ ही स्वच्छता शिक्षा चिकित्सा सड़क बिजली और पानी के लिए ...और पढ़ें

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    प्रयागराज के नए मंडलायुक्त विजय विश्वास स्मार्ट सिटी के कार्यों की खुद मानीटरिंग करेंगे।

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। एक दिन पहले शुक्रवार को प्रयागराज के मंडलायुक्त बनाए गए कौशलराज शर्मा का तबादला रद हो गया है। वह अभी वाराणसी के डीएम बने रहेंगे। अब विजय विश्वास पंत को प्रयागराज का मंडलायुक्त बनाया गया है। उनका स्मार्ट सिटी के कार्यों पर जोर रहेगा। साथ ही महाकुंभ की तैयारियों को गति देने की चुनौती भी उन पर होगी।

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    विजय विश्‍वास पंत वर्ष 2004 बैच के आइएएस अफसर हैं : वर्ष 2004 बैच के आइएएस अफसर विजय विश्वास पंत अब तक आजमगढ़ के मंडलायुक्त रहे। उन्होंने 20 वर्ष पहले कानपुर आइआइटी से बीटेक की डिग्री ली थी। आइएएस बनने पर वह एमडी पश्चिमांचल मेरठ के पद पर तैनात हुए थे। कुछ वर्ष केंद्रीय मंत्री रहे कलराज मिश्र के पर्सनल सेक्रेटरी (पीएस) के पद पर भी रहे। बाद में वह महोबा, मैनपुरी और सोनभद्र के डीएम भी बने।

    डीएम कानपुर रहते सुर्खियों में रहे : विजय विश्वास पंत जनवरी 2018 में कानपुर के जिलाधिकारी बनाए गए थे। उस समय प्रदूषण से मुक्ति के साथ ही स्वच्छता, शिक्षा, चिकित्सा, सड़क, बिजली और पानी के लिए खुद सक्रिय हो गए थे। भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए वह सभी प्रोजेक्ट की साइट विजिट करते थे। सरकार से मिलने वाला पूरा पैसा गांव, गरीब और विकास में लगे। इसके लिए वह खुद खासी मेहनत करते थे। विकास कार्यों का वह मौके पर जाकर निरीक्षण करते थे और गुणवत्ता खराब मिलने पर जिम्मेदार अधिकारी को समझाते थे। फिर उससे बेहतर काम लेते थे।

    शिक्षक बनना चाहते थे मां ने बना दिया आइएएस अफसर : उत्तराखंड के हल्द्वानी के मूल निवासी विजय विश्वास शिक्षक बनना चाहते थे। पंत ने रानीखेत स्थित निर्मला कान्वेंट स्कूल से हाईस्कूल और सेंट पाल्स कालेज से इंटर की पढ़ाई की। आइआइटी कर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में शिक्षक बनना चाहते थे। वर्ष 2001 में उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। विजय के पिता जेडी पंत पीसीएस अफसर थे तो मां मैथ की प्रवक्ता थीं। जेडी पंत के बांदा जिले में तैनाती के दौरान उनकी पत्नी भी वहीं के महिला कालेज में पढ़ाती थीं। जेडी पंत जिस वक्त बांदा में एसडीएम थे, उस समय विजय एक साल के थे।

    बांदा में हुआ था पिता का निधन : बांदा में नियुक्ति के दौरान विजय के पिता का निधन हो गया था। एक वर्ष के विजय को लेकर उनकी मां डा. मुकुल पंत उत्तराखंड के हल्द्वानी चलीं गईं। वहां उन्होंने पति के सपने को पूरा करने के लिए बेटे को अच्छी शिक्षा व परवरिश देने में जुट गईं। डा. मुकुल वर्ष 2012 में उत्तराखंड में उच्च शिक्षा निदेशक के पद पर पहुंच गईं। वह 2014 में सेवानिवृत्त हुईं।