Prayagraj Honor Killing: आयुषी ने चुपके से ताला खोलकर प्रेमी को घर में बुलाया और फिर चली गोलियां
पुलिस इनवेस्टिगेशन में पता चला कि ढाबा संचालक की बेटी आयुषी ने रात तीन बजे के बाद मकान के मुख्य गेट में लगा ताला खोलकर प्रेमी अर्णव को भीतर बुलाया था। अंदर जाने के बाद उसने गेट के पास चप्पल उतार दी थी ताकि किसी को आवाज सुनाई न दे

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। नैनी इलाके के हीरानंद नगर में आनर किलिंग की घटना में पुलिस की छानबीन में कई तथ्य सामने आए हैं। पुलिस इनवेस्टिगेशन में पता चला है कि ढाबा संचालक की बेटी आयुषी ने अपने रात तीन बजे के बाद मकान के मुख्य गेट में लगा ताला खोलकर प्रेमी अर्णव को भीतर बुलाया था। अंदर जाने के बाद उसने गेट के पास ही चप्पल उतार दी थी, ताकि किसी को आवाज सुनाई न दे। फिर दोनों साथ में छत पर गए, जहां प्रेमिका ने चाबी रख दी थी।
इसी बीच वह प्रेमी की खातिर पानी लेने के लिए नीचे गई, लेकिन तब तक गर्मी के कारण उसके माता-पिता आगे वाले कमरे में आ गए थे। मां के टोकने पर बेटी पेट दर्द होने की बात कही और पानी की बोतल लेकर छत पर जाने लगी। उधर, पिता दूसरे दरवाजे से गेट की तरफ गया तो बेटी को सीढ़ी पर चढ़ते देख लिया। अभियुक्त पिता के बयान, घटनास्थल की जांच और छानबीन में मिले तथ्य के आधार पर पुलिस ऐसा मान रही है कि प्रेमी पहले भी प्रेमिका से मिलने के लिए उसके घर जाता था। यह बात लड़की के घरवालों को पता चल गई थी, जिसके बाद उसकी गतिविधि पर नजर रखी जाने लगी थी। यह भी चर्चा रही कि प्रेमिका से मिलने के लिए ही अर्णव रोजाना सुबह मार्निंग वाक पर जाता था। उसके प्रेम प्रसंग के बारे में घरवालों को भी नहीं पता था।
मोबाइल से डिलीट कर दी काल हिस्ट्री
पुलिस को अर्णव की जेब से एक कीपैड वाला मोबाइल बरामद हुआ है। उसकी काल हिस्ट्री से पता चला है कि कुछ नंबर डिलीट कर दिए गए हैं। जांच में यह बात भी सामने आई है कि आयुषी के पास मोबाइल नहीं था। वह प्रेमी से अपने भाई, मां और बुआ की लड़की खुशी के नंबर से बातचीत करती थी। खुशी के मोबाइल से भी कुछ नंबर डिलीट किए गए हैं। इससे यह साफ नहीं हो सका कि फोन करके बुलाया गया था या पहले से मिलने का समय निर्धारित था। फिलहाल अर्णव व लड़की पक्ष के कई मोबाइल नंबर की काल डिटेल रिपोर्ट निकलवाई जा रही है, जिसके आने पर सबकुछ साफ हो जाएगा।
युवक की मौत पर बिलखते रहे स्वजन
अर्णव की मौत पर उसके पिता सत्य प्रकाश, मां संध्या बड़ा भाई उत्कर्ष बिलखते रहे। चाचा हेमंत भी घटना पर हैरानी जताते रहे। स्वरूपरानी नेहरू पुलिस चौकी पर मौजूद स्वजनों का कहना था कि उन्हें पहले से कुछ नहीं पता था कि अर्णव क्या कर रहा है। उन्होंने विपक्षियों की कारस्तानी को गलत ठहराते हुए यह भी कहा कि अगर ऐसा कुछ था तो शिकायत करते, लेकिन नहीं किया। यह भी बताया गया कि अर्णव 11वीं कक्षा में फेल हो गया था, जबकि आयुषी पास होकर 12वीं में पहुंच गई थी।
पेट और सीने में मारी गई गोली
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि अर्णव के पेट व सीने में गोली लगी थी। उसके शरीर से पिस्टल की दो गोली मिली है। वहीं, आयुषी के हाथ व पेट में गोली लगी। पेट में गोली लगने के कारण उसका लीवर खराब हो गया है। इससे वह जिंदगी और मौत से जूझ रही है। परिवार वाले भी उसकी जिंदगी की दुआ कर रहे हैं।
पिस्टल का लाइसेंस होगा निरस्त
पुलिस का कहना है कि घटना में लाइसेंसी पिस्टल का इस्तेमाल हुआ है। पिस्टल ढाबा संचालक के नाम पर है, जिसका लाइसेंस निरस्त करवाया जाएगा। यह भी पता चला है कि सुनील करीब 22 साल पहले आठ सौ रुपये की नाैकरी करता था। फिर प्रापर्टी डीलर के संपर्क में आया तो लाइसेंस लिया था। इसके बाद गौहनिया में किराना की दुकान और फिर ढाबा खोला। कमाई होने पर उसने नैनी में मकान बनवाकर परिवार के साथ रहने लगा था।
....तो आरुषि हत्याकांड जैसा होता मामला-
खबर पाते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तेजी से छानबीन की और शक के आधार पर पिता को हिरासत में ले लिया। इससे मामला कुछ ही घंटे में खुल गया। यह भी कहा जा रहा है कि अगर पुलिस की तत्परता न होती तो मामला बहुचर्चित आरुषि हत्याकांड जैसा हो सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

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