एमबीबीएस डाक्टर बनाने का सपना दिखाकर 45 लाख हड़प लिए, जानिए किसने ठगा और कौन बने शिकार
कहा कि कन्हैया की कई मंत्रियों से और नौकरशाहों से अच्छी पकड़ है। उनके जरिए नौकरी लगवाने के साथ ही मैनेजमेंट कोटे के तहत एमबीबीएस में दाखिला करवा चुका है। एडमीशन कराने की कई रसीद भी दिखाई। फिर दाखिले कराने के नाम पर उससे 15 लाख रुपये लिए गए

प्रयागराज, जेएनएन। डाक्टर बनने का सपना देख रहे तीन लोग गलत तरीका अपनाकर धोखा खा गए और ठग गिरोह के चक्कर में पड़कर जमा पूंजी गंवा बैठे। मेडिकल कालेज में एमबीबीएस सीट पर दाखिले के नाम पर एक फार्मासिस्ट प्रदीप सिंह यादव समेत तीन लोगों से 45 लाख रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है। पीड़ित की तहरीर पर जार्जटाउन पुलिस ने फीनिक्स अस्पताल के कर्मचारी प्रदीप शर्मा और उसके साथी कंहैया झा के खिलाफ मुकदमा कायम किया है। दोनों अभियुक्त धूमनगंज इलाके के रहने वाले हैं।
मंत्रियों और अधिकारियों से परिचय बताकर फंसाया जाल में
यह मामला यूं है। मानस नगर नैनी निवासी प्रदीप सिंह यादव फार्मासिस्ट है। उसका आरोप है कि उसके ही नाम का शख्स प्रदीप शर्मा पूर्व परिचित था। उसने अपने साथी कन्हैया झा से वर्ष 2017 में मुलाकात करवाई। बताया कि कन्हैया की कई मंत्रियों से और नौकरशाहों से अच्छी पकड़ है। उनके जरिए नौकरी लगवाने के साथ ही मैनेजमेंट कोटे के तहत एमबीबीएस में दाखिला करवा चुका है। एडमीशन कराने की कई रसीद भी दिखाई। फिर दाखिले कराने के नाम पर उससे 15 लाख रुपये लिए गए। मगर लंबे वक्त बाद भी दाखिला नहीं कराया गया।
वापसी के नाम पर 15-15 लाख के फर्जी चेक थमाए थे
संदेह होने पर प्रदीप ने खुद छानबीन की तो पता चला कि दोनों ने मिलकर उसे ठगा है। इसी दौरान प्रदीप शर्मा के घर के बाहर उसे गुलाब चंद्र पटेल निवासी फूलपुर व ज्ञान सिंह पटेल मिले, जिन्होंने ठगी की बात बताई। यह भी आरोप है कि कन्हैया ने तीनों को 15-15 लाख रुपये का चेक दिया गया, लेकिन उसके जरिए पैसा नहीं मिला। छानबीन में यह भी पता चला कि कन्हैया के परिवार के सदस्य अलग-अलग शहर में रहते हैं, जो तमाम लोगों से दाखिले के नाम पर धोखाधड़ी कर चुके हैं। फिलहाल पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
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