Prayagraj Coronavirus News: संक्रमण की तीसरी लहर को देंगे मात, पूरी है तैयारी, जाने क्या हैं चिकित्सा इंतजाम
Prayagraj Coronavirus News मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ एसपी सिंह ने बताया कि चिकित्सा विभाग खासतौर से स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय सभी आवश्यक संसाधनों से लैस है। हाल में वेंटिलेटर आइसीयू मानीटर और अन्य सामग्री उपलब्ध कराई है।

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना की तीसरी लहर की जिस तरह से वैज्ञानिक स्तर पर आशंका जताई जा रही है वह तेज प्रवाह वाली हो सकती है। इससे अधिकतर बच्चे प्रभावित होंगे। लेकिन, आपके बच्चों को महफूज रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग चिकित्सा इंतजाम से इतना लैस हो गया है कि वायरस नौनिहालों से दूर ही रहेगा। यह व्यवस्थाएं कोरोना ही नहीं, अन्य बीमारियों के लिहाज से भी काफी अहम होंगी। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ एसपी सिंह ने बताया कि चिकित्सा विभाग, खासतौर से स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय सभी आवश्यक संसाधनों से लैस है। हाल में वेंटिलेटर, आइसीयू मानीटर और अन्य सामग्री उपलब्ध कराई है। अब आक्सीजन की व्यवस्था पहले की अपेक्षा अधिक है। बेड की भी कमी नहीं है।
आंकड़ों में पढ़े यह है तैयारी
6 कोविड अस्पताल रहेंगे प्राथमिक तौर पर
220 बेड से हुई थी लेवल थ्री अस्पताल में शुरुआत
1066 बेड हो गए हैं लेवल थ्री अस्पताल में
180 बेड के पीकू वार्ड ही हो चुके हैं जनपद में
1 सीएचसी में बेड, आक्सीजन कंट्रेटर व सिलेंडर पर्याप्त
4 यानी सभी सीएचसी में हैं 10 बेड, 10 आक्सीजन कंट्रेटर व 10 सिलेंडर
10 बेड पर तैनात किए जाएंगे एक डाक्टर
4 सीएचसी संभालेंगे ग्रामीण क्षेत्र की व्यवस्था
2 गंगापार और दो सीएचसी की यमुनापार में व्यवस्था
40 हजार लीटर आक्सीजन की क्षमता है एसआरएन की
400 से अधिक आक्सीजन सिलेंडर हैं अस्पतालों में
410 लोगों की जान चली गई थी पहली लहर में
484 लोगों की जान ले गई कोरोना की दूसरी लहर।
बच्चों के डाक्टर की फौज तैयार
स्वास्थ्य विभाग में पीडियाट्रिक स्पेशलिस्ट यानी बाल रोग विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी है लेकिन, स्वास्थ्य विभाग ने ट्रेनिंग दिलाकर दूसरी ब्रांच के भी डाक्टरों को पीडियाट्रिक ट्रेनिंग दिला दी है ताकि जरूरत पडऩे पर इनसे भी काम लिया जा सके।
डाक्टर हैं तैयार, आप भी रहें होशियार
पहली व दूसरी लहर में काफी नुकसानदायक रही। तीसरी लहर की आशंका है लेकिन डाक्टर पूरी तरह से इसका सामना करने को तैयार हैं। डाक्टरों के साथ अभिभावक भी सचेत रहें। बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए खुद भी कोरोना से बचकर रहें।
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