Prayagraj Car Accident: ड्राइवर की झपकी ने उजाड़ा परिवार, बच्चे के जन्म की खुशी छिनी, अब गूंज रहा विलाप
प्रयागराज में गुरुवार सुबह दुखद हादसे से एक भरा-पूरा खुशहाल परिवार उजड़ गया। पुराना शिवगढ़ निवासी श्यामलाल अग्रहरि के चार बेटों में तीसरे नंबर के उमेश की पत्नी ने बेटे को जन्म दिया था जिसका नाम रखा गया था ओजस। इस बच्चे की किलकारी से पूरा परिवार गुलजार था।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में गुरुवार सुबह हुए दुखद हादसे से एक भरा-पूरा खुशहाल परिवार उजड़ गया। टवेरा कार खंभे से भिड़कर पलटी जिससे नौ माह के बच्चे समेत छह लोगों की मौत हो गई। बच्चे के साथ उसकी तीन चाची, दादी, चचेरी बहन भी मौत के मुंह में समा गईं। अब परिवार में कोहराम मचा है, विलाप गूंज रहा है। लोग बच्चे ओजस और परिवार के अन्य लोगों की हाल में खींची गई फोटो को देखकर आंसू बहा रहे हैं।
दिवाली पर अहमदाबाद से आए पिता ने तय किया बच्चे का मुंडन कराना
पुराना शिवगढ़ निवासी श्यामलाल अग्रहरि के चार बेटों में तीसरे नंबर के उमेश की पत्नी प्रिया ने बेटे को जन्म दिया था जिसका नाम रखा गया था ओजस। इस बच्चे की किलकारी से पूरा परिवार गुलजार था।
उमेश करीब दस साल से गुजरात के अहमदाबाद में रहकर सब्जी का व्यवसाय करता है। दिवाली पर वह घर आया तो तय किया गया कि अपने इकलौते बेटे का मुंडन करा लिया जाए।
नौ महीने के मासूम ओजस का मुंडन कराने के लिए ही गुरुवार सुबह माता-पिता समेत परिवार के लोग टवेरा कार से मीरजापुर जनपद में विंध्याचल धाम के लिए रवाना हुए थे, लेकिन ड्राइवर इरशाद की झपकी ने सब खत्म कर दिया। हंडिया में सुबह साढ़े छह बजे हुए हादसे में बच्चे समेत परिवार के छह लोग मौत का शिकार हो गए। हादसे में जख्मी इरशाद ने खुद पुलिस से कहा कि उसे झपकी आ गई थी जिसके बाद कार बेकाबू होकर खंभे से टकराने के बाद पलट गई।
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परिवार के रवाना होने के कुछ देर बाद मिली खबर से हाहाकार
कार हादसे में मृत बच्चे के माता-पिता समेत चार लोग अस्पताल में भर्ती हैं। जहां खुशियां थीं, हंसी-मुस्कुराहट थी, वहां अब विलाप गूंज रहा है। सुबह-सुबह इस अनहोनी के बाद पुलिस ने खबर दी तो परिवार में हाहाकार मच गया और गांव के लोग भी गमगीन हो गए। धीरे-धीरे घर पर ग्रामीणों और रिश्तेदारों की भीड़ जमा होने लगी। कुछ लोग एसआरएन अस्पताल रवाना हो गए जहां घायल मृत बच्चे के माता-पिता समेत चार घायल भर्ती हैं।
दिवाली पर छाई थी खुशियां, अब गम का साया
यह ऐसा दुखद हादसा है जिसके बारे में जानकर हर व्यक्ति स्तब्ध रह गया। दिवाली के तीसरे ही रोज इस परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। भरे-पूरे परिवार के सभी लोग दिवाली पर एकत्र थे तो खुशियां छाई थीं। पूरा मकान सजाया गया था, घर का कोना-कोना रोशन था, मकान जगमगा रहा था लेकिन इस अनहोनी के बाद अब विलाप और सिसकियों के बीच अंधेरे जैसा माहौल है।
पहले लगा था आघात, अबकी तो परिवार हुआ तबाह
इस परिवार को तीन साल पहले भी एक आघात लगा था जब परिवार के मुखिया श्यामलाल अग्रहरि के चार पुत्रों में तीसरे नंबर के बेटे दिनेश का आकस्मिक देहांत हो गया था। उस सदमे से परिवार उबर रहा था, सबसे छोटे उमेश की पत्नी प्रिया ने बच्चे को जन्म दिया तो परिवार खुशियों से चहक रहा था। सब कुछ खुशहाली की तरफ बढ रहा था लेकिन इस एक हादसे ने तो जैसे चमन में तबाही ला दी। हरी भरी बगिया उजड़ गई।
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