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    प्रयागराज ​​​​​प्रशासन से नहीं मिल रही रिपेयरिंग की अनुमति, शास्त्री ब्रिज हो रहा और भी जर्जर

    By Ankur TripathiEdited By:
    Updated: Sat, 07 May 2022 11:30 PM (IST)

    दारागंज से झूंसी के बीच में 2200 मीटर शास्त्री पुल की रिपेयरिंग माघ मेला के बाद यानी मार्च में होनी थी। लेकिन विधानसभा चुनाव और फाफामऊ पुल की रिपेयरिंग होने के कारण इस पुल कि रिपेयरिंग की अनुमति जिला प्रशासन ने नहीं दी

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    गंगा पर बने शास्त्री ब्रिज की रिपेयरिंग न होने से पुल जर्जर होता जा रहा है।

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज-वाराणसी मार्ग को जोड़ने के लिए गंगा पर बने शास्त्री ब्रिज की रिपेयरिंग न होने से पुल जर्जर होता जा रहा है। समय से अगर पुल की रिपेयरिंग नहीं हुई तो बारिश के दिनों में इस पुल पर सफर करना कठिन हो जाएगा।

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    80 लाख रुपये में पुल रिपेयरिंग का तैयार किया जा चुका है बजट

    दारागंज से झूंसी के बीच में 2200 मीटर शास्त्री पुल की रिपेयरिंग माघ मेला के बाद यानी मार्च में होनी थी। लेकिन, विधानसभा चुनाव और फाफामऊ पुल की रिपेयरिंग होने के कारण इस पुल कि रिपेयरिंग की अनुमति जिला प्रशासन ने नहीं दी। लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड तीन की ओर से जिला प्रशासन से पुल रिपेयरिंग की अनुमति पांच बार मांगी जा चुकी है। निर्माण खंड तीन के एक अधिकारी ने बताया कि पुल पर जगह-जगह सड़क उखड़ गई है। प्रतिदिन 40 से 50 हजार छोटे-बड़े वाहनों का आवागमन होता है।

    शास्त्री ब्रिज की रिपेयरिंग वर्ष 2018 में की गई थी

    ओवरलोड वाहनों का आवागमन अधिक होने से दिसंबर में पुल के एक पिलर की बेयरिंग टूट चुकी है। बारिश के पहले अगर मरम्मतीकरण नहीं किया गया तो यह और भी जर्जर हो जाएगा। इसके लिए बजट उपलब्ध है। लेकिन, प्रशासन की अनुमति नहीं मिल रही है। इसके पहले वर्ष 2018 में इस पुल की रिपेयरिंग हुई थी। दो वर्ष में रिपेयरिंग करना अनिवार्य होता है।

    18 दिन में काम पूरा करने का है दावा

    लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड तीन के अधिकारियों का कहना है 80 लाख रुपये पुल की रिपेयरिंग में खर्च होगा। इस काम में लगभग 18 दिन का समय लगने का दावा किया जा रहा है।